भारत की अद्भुत वास्तुकला देख के चोख जायेगे
जब कोई हमारी कला और वास्तुकला का नमूना देखना चाहे तो उसको यह मंदिर दिखलाइए। यह श्री सूर्य नारायण स्वामी जी का मंदिर है जो आंध्रप्रदेश के पूर्वी गोदावरी में स्थित है।
लगभग 4500 साल पहले इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने शिखर शैली में अज्ञात वास के दौरान किया था। इस मंदिर में पत्थरों पर नक्काशी की गई है, जो शायद ही देश के दूसरे मंदिरों में होगी। लेकिन आज मंदिर का उचित रखरखाव न होने के कारण मंदिर अपना वास्तविक स्वरूप खोता जा रहा है, जबकि इस मंदिर में बौद्ध शासक कनिष्क के समय के सिक्के आज भी मौजूद हैं।
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जानकारों की मानें तो जब भगवान परशुराम ने अपने पिता के आदेश पर माता रेणुका का हत्या कर दी थी। इसके बाद मातृ दोष से मुक्त होने के लिए उन्हें हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में पांच मंदिरों की स्थापना करने को कहा गया था। इसके बाद उन्होंने नीरथ में सूर्य नारायण मंदिर, करसोग में कामाक्षा देवी मंदिर और मवेल महादेव, दत्तनगर में दत्तात्रे स्वामी और निरमंड में अंबिका माता मंदिर की स्थापना की थी, लेकिन उत्तरी भारत का यह एक मात्र सूर्य नारायण मंदिर गौरवमयी इतिहास को समेटे यह मंदिर अपनी पहचान तक खो रहा है। भारत की अद्भुत वास्तुकला देख के चोख जायेगे ,
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