नमस्कार दशकों………
आज हम बात करेंगे कि कश्मीर के हिल स्टेशन दूधपथरी की इन वादियों में बनाएं 3 दिन घूमने का प्लान के बारे में इस आर्टिकल की पूर्ण जानकारी नीचे पॉइंट में बताई गई है तो आप इस आर्टिकल की संपूर्ण जानकारी पढ़े…………
हमारे देश में न जाने कितनी नदियों की अपनी जगह और इनका अलग इतिहास है। कोई नदी अपनी पवित्रता के लिए जानी जाती है, तो किसी के जल से लाखों लोगों को आश्रय मिलता है। समय चक्र ने न जाने कितनी बार रुख बदला लेकिन नदियां अपने प्रवाह में बहती रहीं। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और नर्मदा ने जहां अपनी जगह बनाई वहीं अलकनंदा और महानदी का इतिहास अलग है। इन्हीं नदियों में से एक घाघरा की भी अपनी अलग गाथा है जो इसे अन्य नदियों से अलग बनाती है।
घाघरा नदी की लंबाई
- घाघरा नदी की कुल लंबाई 1080 किलो मीटर है |
- इसका कुल जल ग्रहण क्षेत्र 1,27,950 वर्ग किलो मीटर है जिसमें भारत का 45% हिस्सा है | घाघरा नदी या करनाली नदी गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी है।
- इसकी पश्चिमी शाखा करनाली और पूर्वी शाखा शिखा नाम से जानी जाती है।
आगे चलकर ये दोनों एक ही हो जाती हैं। - लगभग 970 किलोमीटर तक बहने के बाद छपरा के निकट यह नदी गंगा में मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 1080 किलोमीटर है।
घाघरा नदी का उद्गम
- घाघरा नदी, गोगरा, घाघरा, नेपाली कौरियाला, गंगा नदी की प्रमुख बाएं किनारे की सहायक नदी भी है।
- यह दक्षिणी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, चीन के उच्च हिमालय में करनाली नदी के रूप में उभरती है और नेपाल के माध्यम से दक्षिण-पूर्व में बहती है।
- शिवालिक रेंज में दक्षिण की ओर काटते हुए यह दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है जो भारतीय सीमा के दक्षिण में फिर से जुड़ती हैं और घाघरा को नया रूप देती है।
- यह उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों के माध्यम से दक्षिण-पूर्व में बहती है और 600 मील के पाठ्यक्रम के बाद छपरा के नीचे गंगा में प्रवेश करती है।
घाघरा एक अंतरराष्ट्रीय नदी
- घाघरा नदी न सिर्फ भारत में बहती है बल्कि ये भारत से बाहर के इलाकों में भी बहती है।
- यह तीन देशों की सीमाओं में बहने वाली नदी है जो एक अंतरराष्ट्रीय नदी है।
- यह नदी तिब्बत, चीन व भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवाहित होती है।
घाघरा का एक नाम करनाली भी है। - घाघरा नदी तिब्बत से निकलती है तथा नदी का मूल उद्गम स्रोत तिब्बत के पठार पर स्थित हिमालय की मापचांचुगों नामक पर्वत श्रेणी से माना जाता है।
- भारत में बलिया व छपरा जिले के बीच गंगा में समाहित होते ही घाघरा नदी का सफर ख़त्म हो जाता है।
घाघरा नदी के नाम
- घाघरा को अलग जगहों पर अलग नामों से जाना जाता है।
- इस नदी को जहां उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर सरयू (सरयू नदी की कहानी) के नाम से जाना जाता है वहीं नेपाल में इसे कहा जाता है।
- इसके अलावा सरजू और गोगरा भी घाघरा के ही नाम हैं।
घाघरा नदी की सहायक नदियां
- घाघरा की प्रमुख सहायक नदियां कुवाना, राप्ती और छोटी गंडक हैं।
- ये सभी सहायक नदियां पहाड़ों से उत्तर की ओर घाघरा में बहती हैं।
- गंगा और उसकी सहायक नदियों के साथ, इसने उत्तरी उत्तर प्रदेश के विशाल जलोढ़ मैदान को बनाने में मदद की है।
- अपने निचले मार्ग के साथ इसे सरजू नदी और देवहा भी कहा जाता है।
कहां से बहती है घाघरा
- भारत में यह नदी बिहार और उत्तर- प्रदेश राज्यों में प्रवेश करती है।
- यह नदी घाघरा नदी सीतापुर, अयोध्या, फैजाबाद, गोंडा, बहराइच आदि जिलों में बहती है। जहां अयोध्या में यह नदी सरयू में
- मिलती है, वहीं गोरखपुर के करीब घाघरा नदी का संगम गंडक व ताप्ती नदियों में होता है।
- सबसे अंत में यह नदी बिहार में बहती हुई छपरा के बीच गंगा में समाहित हो जाती है।
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Conclusion:- मित्रों आज के इस आर्टिकल में जानें घाघरा नदी का उद्गम कहां से होता है और इसके इतिहास से जुड़े रोचक तथ्य के बारे में कितना जानते हैं आप के बारे में कभी विस्तार से बताया है। तो हमें ऐसा लग रहा है की हमारे द्वारा दी गये जानकारी आप को अच्छी लगी होगी तो इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहे हमारी साइबारिश के मौसम में हर घुमक्कड़ को इन रोड ट्रिप का लुत्फ़ उठाना चाहिएट TripFunda.in के साथ (धन्यवाद)
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