जयपुर राजघराने की पोती , जयपुर का राजघराना खुद को बताता है भगवान राम का 310वां वंशज , जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया ने शादी के 21 साल बाद मांगा तलाक , जयपुर का राजघराने का इतिहास ,
जयपुर राजघराने की पोती :-
जयपुर का राजघराना खुद को बताता है भगवान राम का 310वां वंशज :-
जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया ने शादी के 21 साल बाद मांगा तलाक :-
जयपुर राजघराना हमेशा से हमेशा से अपने शाहीपन और विवादों के कारण सुर्खियों में रहा है। हाल ही में इस घराने के संपत्ति को लेकर आए कोर्ट के फैसले के बाद अचानक इसके वारिस चर्चा में आ गए थे। हम बात कर रहे हैं जयपुर राजघराने की महारानी और दुनियां की सबसे खूबसूरत रानी रहीं गायत्री देवी के पोते देवराज और पोती लालित्या के बारे में।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राजमाता गायत्री देवी के पोते-पोतियों देवराज और लालित्या को उनके पिता जगत सिंह के शेयरों का हकदार माना था। आइए जानते हैं देवराज, लालित्या और उनकी मां और थाईलैंड की राजकुमारी प्रियनंदना के बारे में |
लालित्या के पिता और थाईलैंड की राजकुमारी का लंदन की क्लास में हुआ था मिलन
देवराज और लालित्या गायत्री देवी के बेटे जगत सिंह की संतान हैं। जगत सिंह की प्रेम कहानी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। इस कहानी में लड़का जयपुर के राजघराने का राजकुमार होता है तो लड़की थाईलैंड की राजकुमारी। लेकिन शुरुआत में दोनों एक दूसरे की जानकारी से बेखबर होते हैं। लड़का (जगत सिंह) पढ़ाई के लिए लंदन जाता है, वहां उसे संस्कृत की क्लास में एक लड़की मिलती है। मिलते-मिलते दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं और प्यार कर बैठते हैं। आगे चलकर यही प्यार शादी में बदल जाता है। इस कहानी में लड़के को बाद में पता चलता है कि जिस लड़की से वो प्यार करता है वो थाईलैंड की राजकुमारी प्रियनंदना रंगसित है।
रिसेप्शन में शामिल हुईं थीं ब्रिटेन की महारानी
इस शाही जोड़े का रिसेप्शन लंदन में हुआ था। इसका आयोजन बेहद खास और भव्य तरीके से किया गया था। इसकी खासियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लॉर्ड माउंटबेटन के साथ ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ द्वितीय भी शामिल हुई थीं। ब्रिटिश पब्लिक स्कूल से पढ़ीं प्रियनंदना को घुड़सवारी का बचपन से ही शौक रहा है।
जयपुर का राजघराना खुद को बताता है भगवान राम का 310वां वंशज :-
आज छोटी दिवाली है और कल बड़ी दिवाली है। दिवाली हिंदूओं का सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है। त्रेता युग की पौराणिक कहानी हमने रामायण के माध्यम से देखी और सुनी होगी। इस दिन दशरथ पुत्र भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर और माता सीता को रावण की लंका से निकालकर पुनः अपनी जन्मभूमि अयोध्या वापस लाए थे। जिसके उपलक्ष्य में पूरे अयोध्या नगरी में उत्सव मनाया गया था। तभी से दीपावली की शुरुआत हुई। रामायण का अंत यहीं नहीं होता है, इसका दूसरा पहलू अभी बाकी है। क्या आपने सोचा होगा कि आखिर में भगवान राम के वंशज का क्या हुआ होगा या वे कहां है आज हम बात करेंगे भगवान राम के वंशज की। जिसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ सकते हैं। जी हां त्रेता युग के राम के वंशज इस कलयुग में भी है |
जयपुर के एक राजघराने का दावा है कि, उनका घराना भगवान राम का 310वां वंशज है। यह राजघरान अपने शाही अंदाज के लिए जाना जाता है। बता दें की इस राजघराने की दिवाली मनाने का तरीका भी अलग है। इस दिन पूरा राजपरिवार काले रंग के कपड़े पहनता है और दिवाली मनाता है। वैसे तो राजपरिवार दिवाली के दिन लोगों के बीच नहीं जाता है, लेकिन काले कपड़ों में सजे राजपरिवार की फोटो उप्लब्ध है।
मालूम हो कि जयपुर के पूर्व महाराज भवानी सिंह भगवान राम के बेटे कुश के 309वें वंशज थे। यह बात जयपुर राज घराने की पद्मिनी देवी ने खुद एक टीवी चैनल को इंटरव्यू में बताई थी।
बता दें कि पद्मिनी देवी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर महाराज राजेन्द्र सिंह महारानी इंदिरा देवी की बेटी हैं। पद्मिनी देवी को सिरमौर की राजकुमारी भी कहा जाता है। राजा भवानी सिंह महाराजा सवाई मानसिंह और उनकी पहली पत्नी मरुधर के पुत्र हैं। भवानी सिंह का साल 2011 में निधन हो गया था, जिसके बाद उनके वारिस पद्मनाभ सिंह का राजतिलक हुआ।
बता दें कि भवानी सिंह को सरकार ने ब्रिगेडियर के पद से नवाजा था। उनके निधन के बाद 2011 में वारिस के तौर पर पद्मनाभ सिंह का राजतिलक हुआ। जबकि लक्ष्यराज 2013 में गद्दी पर बैठे थे। लक्ष्यराज के राज तिलक में शिल्पा शेट्टी, सुनंदा थरूर, डिम्पल कपाड़िया समेत कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की थी।
बताया जाता है कि 21 अगस्त, 1912 को जन्मे महाराजा मानसिंह ने तीन शादियां की थी। पहली शादी 1924 में 12 साल की उम्र में जोधपुर के महाराजा सुमेर सिंह की बहन मरुधर कंवर से हुई थी।
मानसिंह की दूसरी शादी उनकी पहली पत्नी की भतीजी किशोर कंवर से 1932 में हुई। इसके बाद 1940 में उन्होंने गायत्री देवी से तीसरी शादी की।
जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया ने शादी के 21 साल बाद मांगा तलाक :-
जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी ने अपने प्रेम विवाह के 21 साल बाद अपने पति नरेंद्र सिंह से तलाक मांगा है दीया कुमारी ने फैमिली कोर्ट में अर्जी लगाई है दीया कुमारी ने जयपुर के गांधीनगर के महानगर फैमिली कोर्ट संख्या एक में प्रार्थना पत्र दायर किया है उसमें उन्होंने अपने पति नरेंद्र सिंह से तलाक लेने की इच्छा जताई है. बताया जाता है कि दीया कुमारी की तरफ से पिछले दिनों ही यह प्रार्थना पत्र दायर कर दिया गया था |
गौरतलब है कि बीजेपी की पूर्व विधायक दीया कुमारी के अपने पति नरेंद्र सिंह के साथ पिछले काफी दिनों से अच्छे रिश्ते नहीं चल रहे थे. दीया कुमारी और उनके पति पिछले 5 सालों से अलग रह रहे थे. इसके बाद इन दोनों ने फिर से साथ रहना शुरू किया था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से फिर से वे दोनों अलग हो गए थे |
दीया कुमारी जयपुर के पूर्व राज महाराजा सवाई भवानी सिंह और राजमाता पद्मिनी देवी की बेटी हैं. उनकी शादी शिवाड़ के कोटड़ा ठिकाने के कुंवर नरेंद्र सिंह राजावत से हुई थी. उस वक्त 1997 में सगोत्र विवाह को लेकर राजस्थान में बड़ा बवाल मचा था और राजपूत सभा ने इस विवाह का विरोध किया था लेकिन पूर्व राजपरिवार के सदस्य भवानी सिंह और दीया कुमारी की मां पद्मिनी देवी अपनी बेटी के पक्ष में खड़े रहे और उन्हें शादी करवाई. शादी के वक्त नरेंद्र सिंह सिटी पैलेस में ही काम कर रहे थे |
दीया कुमारी और उनके पति को दो बेटे और एक बेटी हैं. बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह को महाराज भवानी सिंह ने गोद लेकर जयपुर राजघराने का उत्तराधिकारी घोषित किया है जबकि दूसरे बेटे लक्ष्यराज सिंह हिमाचल प्रदेश के सिरमौर राजघराने में गोद लिए गए हैं. दीया कुमारी 2013 में राजनीति में उतरी थीं और सवाई माधोपुर से बीजेपी के टिकट पर विधायक बनी थीं. दीया कुमारी इस बार चुनाव नहीं लड़ीं. इसके लिए उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया था माना जा रहा है कि व्यक्तिगत कारणों में उनका परिवारिक कलह भी शामिल है |
जयपुर की पूरी जानकारी |
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