जैसलमेर का क्षेत्रफल

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जैसलमेर का क्षेत्रफल

जैसलमेर का क्षेत्रफल :-
जैसलमेर का क्षेत्रफल 38401 किलोमीटर है जो छेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है यह है अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ भी सर्वाधिक लंबी सीमा बनाता है यह अंतरराष्ट्रीय सीमा भारत-पाकिस्तान की सीमा रेखा रेडक्लिफ के नाम से जानी जाती है जैसलमेर जिले में 4 तहसील है। जैसलमेर जिले में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा जल स्रोत की खडीन पद्धति प्रसिद्ध है।

जैसलमेर का विवरण :-
जैसलमेर राजस्थान के सुदूर पश्चिम में स्थित है और क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है। स्वतंत्रता से पुर्व यहां पर भाटी राजपुतों का राज्य था | इसकी स्थापना भाटी राजा जैसल ने 1178 ई. में की थी। जैसलमेर को “राजस्थान का अण्डमान” भी कहा जाता है। इस जिले में सबसे कम जनसंख्या निवास करती है। साथ ही साथ यहां का जनसंख्या घनत्व भी सबसे कम है। यहां प्रति वर्ग किमी में औसतन केवल 17 व्यक्ति ही निवास करते हैं। जैसलमेर को ‘स्वर्ण नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। जैसलमेर का सोनार का किला अपने स्थापत्य कला के कारण विश्व प्रसिद्ध है। इस किले के निर्माण में पीले पत्थरों का प्रयोग किया गया है। जब सुर्य की किरणें किले पर पड़ती है तो वह सोने के समान चमकता है , इसीलिये इसे सोनार के किले के नाम से जाता है। यहां भारत का सबसे बड़ा मरूस्‍थल थार का मरूस्‍थल स्थित है। यहां गर्मियों में गर्मी अधिक व सर्दी में ठंडी अधिक पड़ती है।

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जैसलमेर का तथ्य :-
ज़िले का पिनकोड 345001, दूरभाष कोड 02992 और वाहन कोड RJ 15 है। सन् 2001 में साक्षरता दर 57.2% था।

जैसलमेर का भाडली गाँव :-
भाडली जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर व बाड़मेर ज़िले की सीमा पर बसा गांव है। यहां पर प्रसिद्ध श्री करनी माता का मंदिर है, जहां हर साल मेला भरता है। यहां पर चमत्कारी बाबा श्री मोतीगिरी का मठ है, सांप डसने पर, जीवन दान के सम्बंध में श्री मोति गिरी के मठ में पूजन किया जाता है, यहां हर साल मेला भरता है, आस पास के गांवो से हर साल हजारो लोग आते है। गांव में माता रानी भटियाणी का मंदिर, नागणेच्या माताजी का मंदिर,संत जसा रामजी का मंदिर, खेतरपाल का मंदिर, हनुमान मंदिर ठाकुर जी का मंदिर, चमजी एवम रावतिंग डाडा का मंदिर है। भाडली गांव में मुख्यतः भाटी, राठौड़, चौहान, जैन , दर्जी, सुथार, पुष्करणा ब्राह्मण, मेगवाल, गर्ग, बस्ते है। भाडली गांव के कई व्यवसायी भारत मे अपना डंका बजा रहे है, मुख्य रूप से कपड़े का व्यापार है। जल शुद्धिकरण यंत्रालय के माध्यम से सम्पूर्ण भारत मे अच्छी पकड़ के साथ व्यापार करते है। टेंट व्यवसाय में भी कार्य करते है। पड़ोसी गांव जिजनियाली, भाडली, देवड़ा, कुंडा, सिहडार और बईया है।

जैसलमेर का सिंचाई व कृषि :-
इंदिरा गांधी नहर परियोजना का अंतिम छोर भी यहां मोहनगढ़ उपतहसील में है। इस नहर से जैसलमेर में बड़े क्षैत्र में खेती की जाती है।नहरी क्षेत्र में नाचना, मोहनगढ़,सुथार मंत्री, २पी की एम चौराहा, रामगढ़ आदि कृषि क्षेत्र है। इन क्षैत्रों में अधिकांश किसान गंगानगर, हनुमान गढ , बीकानेर, नागौर,चूरु व बाड़मेर के हैं। कुछ स्थानीय किसान भी खेती-बाड़ी करते हैं, सत्य यह भी माना जाता है कि नहरी कृषि करने कै तौर तरीके स्थानीय किसानों को अन्य जिलों से आए हुए किसानों की देन है। यहां की खेती में ग्वार,मूंग,मोठ,तिल, मूंगफली, सरसों, बाजरा, चना, जीरा, ईसबगोल प्रमुखता से बोया जाता है। हालांकि नहर के अलावा कुछ स्थानों पर ट्यूबवेल से भी खेती की जाती है, लेकिन कम की जाती है, इसके दो कारण हैं। एक तो यहां की भूमि में प्रचूर मात्रा में पानी नहीं है दूसरा अधिकांश जगह लवणीय पानी है। साथ में बारिश यहां औसत से भी कम होती है।अगर समय पर अच्छी बारिश हो तो यहां बारानी खेती भी की जाती है। यहां पर बरसाती पानी को संजो कर अपने खेत में रखा जाता है पानी सोखने पर वहां खेती की जाती है उसे स्थानीय भाषा में खड़ीन कहा जाता है।

जैसलमेर का आकांक्षी जिला घोषित :-
भारत सरकार द्वारा जैसलमेर जिले को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है जिसके संदर्भ में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव तथा जिले के प्रभारी सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में नीति आयोग के द्वारा प्राप्त संकेतकों के अंतर्गत छह प्रमुख क्षेत्रों में विकास पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर पंत ने कहा कि विशेष रूप से स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं संबद्ध, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास तथा आधारभूत संरचनाओं के साथ ही धरातल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार से कार्य योजना बनाकर कार्य करे कि जिले की रैकिंग बढ़ती रहें।

जैसलमेर में शिक्षा क्षेत्र :-
स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं संबद्ध, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास, आधारभूत संरचना के संबंध में जो अंक निर्धारित किए गए है उसी पैरामीटर अनुरूप इन क्षेत्रों में विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य करेंगे तो उसमें अच्छी उपलब्धि हासिल होगी। उन्होंने से स्वास्थ्य एवं पोषण तथा शिक्षा के क्षेत्र में अधिकारियों को निर्धारित किए गए इंडिकेटर में विशेष मेहनत कर अच्छी उपलब्धि अर्जित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कलक्टर के निर्देशन में सभी संबंधित अधिकारियों को जिले के विकास के लिए विशेष कार्य करने पर जोर दिया। इस अवसर पर प्रभारी सचिव पंत ने बताया कि जैसलमेर जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल विशालतम है तथा यह केरल राज्य के समान है। लेकिन इतनी अधिक भूमि होने के बावजूद जिला कृषि क्षेत्र में पिछड़ा है। जमीन के अनुपात में उपज का उत्पादन नहीं होने से कृषि क्षेत्र में अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। उन्होंने नीति आयोग के आशा के अनुरूप कृषि क्षेत्र में तीव्र विकास के लिए कृषि विभाग व इसके सहयोगी संस्था आईटीसी को विस्तृत योजना बनाकर कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए।

जैसलमेर जिला कलेक्टर ओम कसेरा की घोषण :-
कलेक्टर ओम कसेरा ने कहा कि मरुस्थलीय जिले में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर ढंग से कार्य कर इसमें सुधार लाने की जरूरत है। मुख्य आयोजना अधिकारी डॉ बीएल मीना ने एजेंडा पेश किया एवं बिंदुवार समीक्षा करते हुए जिले के सभी जिला अधिकारियों को कारगर प्रयास करने की आवश्यकता जताई। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामेश्वरलाल मीणा, मुख्य आयोजन अधिकारी डाॅ बीएल मीना, उप निदेशक कृषि डीआरगोदारा सहित संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

जैसलमेर में रेगिस्तानी भाग :-
जैसलमेर जिला राजस्थान के जिलो में सबसे कम जनसँख्या वाला जिला है, जैसलमेर जिला राजस्थान के जोधपुर मण्डल के अंतर्गत आता है और इस जिले के मुख्यालय जैसलमेर नगर में ही है, ये जिला सर्वाधिक रेगिस्तानी भाग से भर हुआ |

जैसलमेर की पूरी जानकारी 

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