मीराबाई बाई के साथ किया हुआ आप ने कभी नही पड़ा होगा

मीरा बाई की समाधि , मीरा को भक्ति मार्ग में किन-किन बाधाओं का सामना करना पड़ा , मीरा बाई तस्वीरें , मीराबाई की मृत्यु कैसे हुई , मीराबाई के भजन , मीराबाई की मृत्यु कब हुई थी , मीरा बाई पति , मीरा बाई की कविताएँ , मीरा बाई की मृत्यु कैसे हुई , मीराबाई की जीवन कथा , मीराबाई का साहित्यिक परिचय , मीराबाई की कहानी , मीराबाई की मृत्यु कब हुई थी , मीरा बाई की समाधि , मीरा बाई तस्वीरें , मीराबाई की कथा ,

मीराबाई बाई के साथ किया हुआ आप ने कभी नही पड़ा होगा

मीराबाई का जीवन :-
राजा रतन सिंह की एकमात्र संतान मीराबाई मेवाड़ राजकूल की राजकुमारी थी लेकिन मीराबाई की 2 वर्ष की आयु थी उस समय मीराबाई के माता का देवास हो गया उसके बाद दादा राव दादू ने मीरा बाई को मेड़ता लेकर आ गये और पालन पोषण कर के बडी की |

मीराबाई बाई

मीराबाई का विवाहित जीवन :-
मीराबाई विवाह योग्य होने पर मीराबाई के इच्छा के विरुद्ध मेवाड़ के राजकुमार भोजराज के साथ विवाह किया था लेकिन मीराबाई विवाह नहीं करना चाहते थे क्योंकि भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मानते थे और कृष्ण भक्ति में लीन थी लेकिन जबरदस्ती उसका विवाह करवा कर भेज दिया गया

मीराबाई का भक्ति जीवन :-
मीराबाई के विवाह के कुछ साल बाद भोजराज की मृत्यु हो गई थी उसके बाद मीराबाई ने वृंदावन द्वारका आ गये थे और यह जोगन का वेश धारण करके साधु संतों के साथ कृष्ण भक्ति करने लगे और जीवन भर भक्ति करने के कारण 1547 में द्वारका में मृत्यु के समय भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति में समा गये थे

यह भी पढ़े :
जोधपुर का गणेश मन्दिर

मेड़ता तहसील की स्थापना :-
राजस्थान राज्य के नागौर जिले में स्थित मेड़ता तहसील की स्थापना 1460 ईस्वी में की गई थी मेड़ता तहसील के अंदर सबसे अधिक जाट जाति के समुदाय के लोग रहते हैं इस तहसील में 95% हिंदू धर्म के लोग रहते हैं और 5% मुसलमान धर्म के लोग निवास करते हैं मेड़ता तहसील में दो लाख से अधिक जनसंख्या निवास करती है

मेड़ता क्यों फेमस है :-
मेड़ता तहसील भक्त कवयित्री मीराबाई के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि मीरा का जन्म मेड़ता तहसील कुड़की शहर में 1498 को जन्म हुआ था और मीराबाई भगवान श्री कृष्ण के अनन्य प्रेमिका थी जो अपना सब कुछ भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया था इसलिए आज भी मीराबाई के नाम से प्रसिद्ध है

मेड़ता तहसील की खास बात :-
मेड़ता तहसील इसलिए खास है कि मेड़ता की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण का आगमन हुआ था क्योंकि मीराबाई भगवान श्री कृष्ण के भक्ति भाव में पूरी तरह से लीन थी और अपना सब कुछ भगवान श्री कृष्ण को ही मानती थी इसलिए मीराबाई की भक्ति से भगवान श्री कृष्ण प्रश्न होके मेड़ता शहर में मीराबाई को दर्शन देने के लिए अवतार लिया था

मेड़ता किस जिले में है :-
मेड़ता तहसील नागौर जिले में स्थित है जो जोधपुर से 100 मील की दूरी पर स्थित है मेड़ता तहसील के अंदर कवयित्री मीराबाई का विशाल मंदिर बनाया गया है इस मंदिर को देखने के लिए हर दिन हजारों लोगों की भीड़ जमा रहती है

जब भी नागौर जाओ इस जगह पर जरूर जाना :-
कभी आप भी नागौर जिले में घूमने जाते हैं तो एक बार जरूर मेड़ता तहसील में बनाया गया भव्य एवं विशाल मीराबाई के मंदिर को जरुर देखेगा

Sabhi Mandir List

अगर आपको हमारे यह पोस्ट अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेगा और अपने दोस्तों को भी साथ में मीराबाई के दर्शन कर ले जाना

Leave a Comment