नमस्कार दशकों………
आज हम बात करेंगे कि सास-बहू मंदिर से लेकर दिलचस्प किलों की सैर, जानें ग्वालियर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के बारे में के बारे में इस आर्टिकल की पूर्ण जानकारी नीचे पॉइंट में बताई गई है तो आप इस आर्टिकल की संपूर्ण जानकारी पढ़े…………
पडावली और बटेश्वर
- बटेश्वर मंदिर ग्वालियर से लगभग 1 घंटे की दूरी पर स्थित है। यहां कई बड़े-छोटे मंदिर हैं। पुरातत्व विभाग के अनुसार, मंदिरों का
- ये समूह गुर्जर-प्रतिहार वंश के शासनकाल के दौरान बनावाया गया होगा।
- यहां के सभी मंदिर भगवान शिव, विष्णु और मां शक्ति को समर्पित हैं।
- मंदिरों के समूह को बटेश्वर मंदिर या बटेसरा मंदिर स्थल भी कहा जाता है।
- यहीं पास ही पडावली है, जो 10 वीं शताब्दी में निर्मित भगवान शिव का पुराना मंदिर है। इसकी वास्तुकला और नक्काशी देखने लायक है।
- इस मंदिर की संरचना में कई कामुक नक्काशियां भी देखी जा सकती है।
- इसलिए इसे मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है।
सास-बहू मंदिर
- मंदिर का नाम मूल रूप से सहस्त्रबाहु है, जो भगवान विष्णु का एक नाम है, लेकिन समय के साथ लोगों के गलत उच्चारण से यह सास-बहू मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
- यह मंदिर पुराना होने के बावजूद काफी सुंदर है।
- भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल के शासनकाल में किया गया था।
- इस मंदिर की वास्तुकला और खूबसूरत नक्काशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
ग्वालियर किला
- अगर आपको मुगल काल से लेकर रानी लक्ष्मीबाई के शासनकाल तक की चीजों को देखना है, तो जय विलास पैलेस घूमने जाएं।
- इसका निर्माण जयजी राव सिंधिया द्वारा करवाया गया था, जो ग्वालियर के राजा थे।
- लगभग 75 एकड़ में बने इस महल की वास्तुकला अत्यंत मनोरम है।
- पुरानी और ऐतिहासिक चीजों को अगर करीब से जानना है, तो इस महल को देखने एक बार जरूर जाएं।
- यह महल कभी यहां के राजा सिंधिया परिवार का निवास हुआ करता था।
- इसके अंदर एक म्यूजियम है, जहां आप पुरानी पांडुलिपियों, मूर्तियों, सिक्कों और चित्रों को देख सकते हैं।
- इसके अंदर दुनिया का सबसे बड़ा झूमर भी है, जिसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।
- इस महल में मौजूद म्यूजियम की शुरूआत 1964 में एक ट्रस्ट के द्वारा करवाई गई थी।
मान मंदिर पैलेस
- तोमर शासक मान सिंह तोमर ने 1486 और 1516 के दौरान मान मंदिर पैलेस का निर्माण करवाया था।
- इस महल में कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं।
- अब यह महल खंडहर बन चुका है, लेकिन इसके अवशेष, इसकी सुंदर वास्तुकला और नक्काशी को प्रदर्शित करते हैं।
- इसी महल में मुगल शासक औरंगजेब ने अपने भाई मुराद को बंदी बनाया था और फिर जहर देकर मार दिया था।
- यही वो महल है, जहां इल्तुतमिश की सेना से अपनी इज्जत बचाने के लिए कई राजपूत महिलाओं ने आत्महत्या कर ली थी।
- ग्वालियर घूमने का प्लान हो तो यहां का यह पैलेस देखने जरूर जाएं।
- इन सब ऐतिहासिक स्थलों के अलावा यहां आप सूरज कुंड, सूर्य मंदिर, चिड़ियाघर, गुजरी महल, जहांगीर महल, तेली का मंदिर,
- गोपाचल पर्वत, रानी लक्ष्मीबाई की समाधि, देव खो और गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ भी देखने जा सकते हैं।
तानसेन का मकबरा
- मुगल सम्राट अकबर के दरबार के प्रसिद्ध गायक और देश के महान संगीतकार, तानसेन का जन्म ग्वालियर शहर में हुआ था।
- कि इनकी गायकी में एक जादू था, जिसे सुनकर प्रकृति भी मदहोस हो जाती थी।
- इन्हें अकबर के नौ रत्नों में भी शामिल किया गया था।
- इन्होंने संगीत की शिक्षा अपने गुरु मुहम्मद गौस से ली थी।
- तानसेन को उनके गुरु के साथ परिसर में ही दफनाया गया और यह पूरा परिसर तानसेन स्मारक के रूप में प्रसिद्ध है।
- यहां नवंबर और दिसंबर के महीनों में राष्ट्रीय स्तर पर संगीत समारोह का आयोजन करवाया जाता है, जहां कई बड़े संगीतकार आते हैं और शास्त्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
- आप भी इस मकबरा को देखने एक बार जरूर जाएं।
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Conclusion:- मित्रों आज के इस आर्टिकल में सास-बहू मंदिर से लेकर दिलचस्प किलों की सैर, जानें ग्वालियर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के बारे में कितना जानते हैं आप के बारे में कभी विस्तार से बताया है। तो हमें ऐसा लग रहा है की हमारे द्वारा दी गये जानकारी आप को अच्छी लगी होगी तो इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहे हमारी साइबारिश के मौसम में हर घुमक्कड़ को इन रोड ट्रिप का लुत्फ़ उठाना चाहिएट TripFunda.in के साथ (धन्यवाद)
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