सवाई जयसिंह कौन थे

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सवाई जयसिंह का इतिहास 

  • इतिहास में सैकड़ो शुर वीर राजा हो के गये कुछ राजा महाराजा हिन्दू थे
  • कुछ राजपूत थे लेकिन जितने भी राजा बने सभी वीर थे
  • इस तरह के वीर राजा की परंपरा हर धर्म में देखने को मिलती है
  • राजपूत राजे भी बहुत बहादुर और निडर थे।
    एक समय में भारत में राजपूतो ने शासन किया था
  • मिर्जा राजा जयसिंह सवाई जयसिंह जैसे प्रसिद्ध और बहादुर राजाओ ने शासन किया था
  • जीन दो राजा का जिक्र ऊपर किया गया है
  • वे दोनों भी बहुत पराक्रमी राजा थे।

सवाई जयसिंह की स्थापत्य 

  • सवाई जयसिंह संस्कृत और फ़ारसी भाषा का विद्वान होने के साथ गणित और खगोलशास्त्र का असाधारण पण्डित था
  • उसने 1725 ई. में नक्षत्रों की शुद्ध सारणी बनाई और उसका नाम तत्कालीन मुग़ल सम्राट के नाम पर जीजमुहम्मदशाही नाम रखा उसने ‘जयसिंह कारिका’ नामक ज्योतिष ग्रंथ की भी रचना की सवाई जयसिंह की महान् देन जयपुर है
  • जिसकी उसने 1727 ई. में स्थापना की थी जयपुर का वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य था
  • नगर निर्माण के विचार से यह नगर भारत तथा यूरोप में अपने ढंग का अनूठा है
  • जिसकी समकालीन और वतर्मानकालीन विदेशी यात्रियों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की है।

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सवाई जयसिंह का बग़ावत 

  • औरंगज़ेब की मृत्यु के बाद जब मुग़ल साम्राज्य में अव्यवस्था फैल रही थी
  • तभी जयसिंह का नाम अचानक चमक उठा उसने बहादुरशाह प्रथम के विरुद्ध बग़ावत का झण्डा बुलन्द कर दिया
  • परन्तु उसकी बग़ावत को दबा दिया गया और बादशाह ने भी उसे क्षमा कर दिया
  • वह मालवा में और बाद में आगरा में बादशाह का प्रतिनिधि नियुक्त हुआ
  • पेशवा बाजीराव प्रथम के साथ उसके मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे मुग़ल साम्राज्य के खण्डहरों पर ‘हिन्दू पद पादशाही’ की स्थापना करने के पेशवा के लक्ष्य से उसे सहानुभूति थी।

सवाई जयसिंह की मृत्यु 

  • आमेर पर 44 वर्ष तक राज्य करने के बाद 21 सितम्बर 1743 ई. में सवाई जयसिंह की मृत्यु हो गई
  • इसी के राज्यकाल में गुलाबी नगर जयपुर के रूप में नयी राजधानी की रचना हुई थी।

नोट: गहलोत वंश की ऐतिहासिक जानकारी काफी विस्तृत है हमने अपने इस पोस्ट में मुख्य पहलुओं पर ही जानकारी दी है फिर भी कोई महत्वपूर्ण जानकारी छूट गयी है तो हम उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।

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