मंदिर का नाम मूल रूप से सहस्त्रबाहु है, जो भगवान विष्णु का एक नाम है, लेकिन समय के साथ लोगों के गलत उच्चारण से यह सास-बहू मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। यह मंदिर पुराना होने के बावजूद काफी सुंदर है। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल के शासनकाल में किया गया था।