ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम कौन थे 

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ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम कौन थे 

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम परिचय –

पूरा नाम ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम
जन्म 15 अक्टूबर 1931
जन्मस्थान रामेश्वरम, रमानाथपुरम जिला, ब्रिटिश राज (मौजूदा तमिलनाडु, भारत)
मृत्यु 27 जुलाई 2015
उम्र 83 वर्ष
शिक्षा सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
पेशा प्रोफेसर, लेखक, वैज्ञानिक एयरोस्पेस इंजीनियर
धर्म इस्लाम
पिता जैनुलाब्दीन मराकायर
माता Ashiamma Jainulabiddin
पत्नी नहीं करी
पुरस्कार पद्म भूषण (1981) पद्म विभूषण (1990)
भारत रत्न (1997)
हूवर मेडल (2009)
एनएसएस वॉन ब्रौन पुरस्कार (2013)
काम भारत के 11वें राष्ट्रपति
कार्यभार ग्रहण 25 जुलाई 2002

“यह मेरा पहला चरण था, जिसमें मैने तीन महान शिक्षकों – विक्रम सारबाई, प्रोफेसर सतीश धवन और ब्रम प्रकाश से नेतृत्व सिखा। मेरे लिए यह सिखाने और ज्ञान के अधिग्रहण के समय था।” कलाम साब

शिक्षा –

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी अतः उन्हें छोटी उम्र में ही काम करना पड़ा अपने पिताजी की आर्थिक मदद के लिए स्कूल के बाद समाचार पत्र बांटने का काम करते थे अपने स्कूल के दिनों में कलाम जी पठाई में सामान्य छात्र थे लेकिन नई चीज सीखने के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहते थे उनके अंदर सीखने की भूक थी उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई रामनाथपुरम स्व्वात्र्ज – मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की थी
सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया था इसके बाद सन् 1955 में वह मद्रास चले गए वहाँ से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
सन 1960 में कलाम जी ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी इसके बाद पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम जी ने रक्षा अनुसंधान और विकास अनुसंधान संगठन में वैज्ञानिक के तौर पर कार्य किया।

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एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें –

1998 इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
1999 विंग्स ऑफ फायर: ऑटोबायोग्राफी
2002 इग्नाइटेड माइंड्स: अनलीशिंग द पावर इन इंडिया
2004 द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्सेज एंड कलर्स
2005 मिशन ऑफ इंडिया: ए विज़न ऑफ़ इंडियन युथ
2005 गाइडिंग सोल्स: डायलॉग्स ऑन द परपज् ऑफ़ लाइफ
2007 इंस्पायरिंग थॉट: ए कोटेशन सीरीज
2012 टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी विद चैलेंजेज
2013 माय जर्नी: ट्रांस्फॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शन्स
2014 बियॉन्ड” 2020: ए विजन फॉर टुमॉरोज़ इंडिया
2015 रेइगनाइटेड
2015 ट्रांसेंडेंस माय स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस

 

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी की महत्वपूर्ण उपलब्धिया –

सन 1981 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण।
सन् 1990 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से।
सन 1994 में इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर सम्मान।
1997 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न।
सन् 1997 में राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार।
1997 में वीर सावरकर पुरस्कार भारत सरकार द्वारा।
सन् 2000 में कलाम जी को रामानुजन पुरस्कार अल्वर्स रिसर्च सेंटर, चेन्नई।
सन 2007 में साइंस की मानद डॉक्टरेट वोल्वर हैम्पटन विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के द्वारा।
2007 में चार्ल्स द्वितीय पदक, रॉयल सोसायटी ब्रिटेन के द्वारा।
2008 में डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सिंगापुर द्वारा।
2009 में कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान, अन्तराष्ट्रीय करमन वोन विंग्स पुरस्कार।
सन् 2009 में हूवर मेडल ASME फाउंडेशन, सयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा।
2009 में मानद डॉक्टरेट ऑकलैंड विश्वविद्यालय द्वारा।
2011 में डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग वाटरलू विश्वविद्यालय द्वारा।
2011 में IEEEE मानद सदस्यता IEEEE के द्वारा।
2012 में ऑफ लो(मानद) साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय द्वारा।
2014 में डॉक्टर ऑफ साइंस एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन द्वारा।

 

राष्ट्रपति के रूप में –

2002 में, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) द्वारा कलाम को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना गया, और वह 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 25 जुलाई, 2007 तक इस पद पर रहे।
वह राष्ट्रपति का पद संभालने से पहले “भारत रत्न ” प्राप्त करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति भी बने।
आम लोगों, विशेष रूप से युवाओं के साथ काम करने और बातचीत करने की उनकी शैली के कारण, उन्हें प्यार से ‘द पीपुल्स प्रेसिडेंट‘ कहा जाता था। डॉ कलाम के अनुसार, उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने जो सबसे कठोर निर्णय लिया था, वह था ‘ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट बिल “पर हस्ताक्षर करने का।
राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्हें दया याचिकाओं के भाग्य का फैसला करने में उनकी निष्क्रियता के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। 21 दया याचिकाओं में से, उन्होंने केवल एक दया याचिका पर काम किया। 2005 में, उन्होंने बिहार में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की, जो एक विवादास्पद निर्णय भी बन गया।

अब्दुल कलाम की विशेषताएँ –

डॉ. कलाम का जन्म एक मछुआरे मुस्लिम परिवार में होने के बावजूद उन्हें शाकाहारी भोजन करते थे भारत के सभ्यता और संस्कृति से उन्हें गहरी लगाव था अब्दुल कलाम साहब भारतीय शास्त्रीय संगीत में भी गहरी रुचि रखते थे।
वे भारतीय आदर्शों व मूल्यों के प्रति सदैव आस्थावान रहे उनकी प्रिय पुस्तक में श्रीमद्भगवद्गीता का नाम आता है उन्हें सभी धर्मों के लोग सम्मान की दृष्टि से देखते थे बच्चों से उन्हें इतना गहरा लगाव था की राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने स्कूली बच्चों को राष्ट्रपती भवन बुलाया था।
उनका सपना था की विश्व में, भारत की गिनती एक उन्नत और सबल राष्ट्र के रूप में हो अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जीवनप्रयत्न काम किया और भारत को एक परमाणु सम्पन्न राष्ट की श्रेणि में लाकर खड़ा कर दिया।

मृत्यु –

कलाम ने काफी सारी बिजी भी लिखी जैसे इंडिया 2020 विंग्स ऑफ फायर इगनाइटेड माइंड और यह सारी बुक काफी पॉपुलर हुई 27 जुलाई 2015 में कलाम शिलांग चले गए जहां पर उनको क्रिएटिंग लिवेबल प्लेनेट अर्थ पर लेक्चर देना था यह लेक्चर उन्हें आज आई एम शिलांग में देना था जब वह सीडी चल रहे थे तब उनको कुछ बेचैनी सी हुई और ऑडिटोरियम जाने के बाद उन्होंने थोड़ा आराम किया

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