बीकानेर का इतिहास

बीकानेर का इतिहास:- नमस्कार मित्रों आज हम बात करेंगे बीकानेर का इतिहास के बारे में बीकानेर का निर्माण राव बीका जी ने किया राव बीका जी राठौर वंश के थे। उनके पिता का नाम राव जोधा व माताजी का नाम रानी नोरंगदे था। उनके पिताजी जोधपुर के शासक थे और बीका जी का जन्म 5 अगस्त 1438 मे हुआ। वे होनहार व प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। ऐसा कहा जाता है कि एक बार बीका जी को दरबार में देर से उपस्थित होने के कारण राव जोधा ने व्यंग किया। राव बीका हाथ जोड अपना आसन ग्रहण किया और अपने चाचा से कानाफूसी करने लगे। इस पर जोधा जी ने कहा किसी देश पर कूच करने का फैसला किया है क्या इस बीका जी ने कहा कि आप की अनुमति मिलेगी तो ये कार्य भी सफल होगा तो आइए हम जानते हैं इस आर्टिकल में विस्तार से.

राव बीकाजी जिन्होने बीकानेर बसाया

  • जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राव बोका ने अपने पिता से अलग होकर अपने विष्वत सरदारों के साथ नये राज्य की स्थापना हेतु जांगल प्रदेश की और प्रस्थान कर दिया
  • करणी देवी के वरदान से अनेक छोटे-बड़े स्थानों एवं कबीलो को जीतकर जांगल प्रदेश में सन् 1456 में राठौड़ राजवंश की स्थापना की
  • उन्होने 1488 ई.में बीकानेर नगर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया
  • अपने राज्य को दूर-दूर तक विस्तृतकर राव बीका 1504 मे स्वर्गवासी हुए

बीकानेर के राजा रायसिंह

  • राव कल्याण ने मुगलो की अधीनता स्वीकार की और अपने पुत्र पृथ्वीराज और कृष्ण को अकबर दरबार में भेज दिया
  • पृथ्वीराज अकबर के नवरत्नों में से एक था
  • राजा रायसिंह के समय मुगलों के साथ बीकानेर के संबंध और घनिष्ठ हो गए
  • राजा रायसिंह अकबर का विश्वासपात्र था
  • जब अकबर बीमारी से ग्रस्त हुए तब जहांगीर ने सबसे पहले सूचना देकर के रायसिंह को आमंत्रित किया
  • बीकाजी से लेकर महाराजा नरेंद्र सिंह तक कुल 24 शासक हुए
  • इनमें से सभी शासक अपने शासन का संचालन इसी तरह किया महाराजा दलपत सिंह सबसे अधिक आयु में शासक बने जबकि
  • महाराजा प्रताप सिंह सबसे कम उम्र की आयु में शासक बने, जब वे शासक बने तब उनकी आयु मात्र 6 वर्ष की थी
  • सबसे अधिक समय तक राज्य करने वाले महाराजा गंगा सिंह ही रहे जिनका कार्यकाल 55 वर्ष 5 माह और 2 दिन रहा

जूनागढ़ का किला

  • जूनागढ़ के किले की स्थापना महाराजा रायसिंह न की जो कि बीकानेर का सबसे बड़ा किला है उसकी स्थापना महाराजा रायसिंह 1645 मे निर्माण कार्य शुरू किया जो कि 1650 तैयार हुआ
  • इसकी देखरेख करने की करमचंद बच्छावत ने की
  • जूनागढ़ किले की परिधि 1750 परकोटे की दीवारे 145 फुट चौड़ी तथा 40 फुट ऊंची है
  • बीकानेर में 5 दरवाजे बनाए गए हैं
  • जो उस समय में अलग अलग नाम से विख्यात रहे हैं
  • दिल्ली का दरवाजा, यशवंत सागर, गणेश दरवाजा वर्तमान में उनके नाम बदल दी गए हैं कोटगेट विश्वकर्मा गेट जस्सूसर गेट
  • नत्थूसर गेट यहां सबसे पहले सिक्कों का निर्माण महाराजा गज सिंह के शासन में हुआ
  • यह कार्य महाराजा डूंगर सिंह तक जारी रहा इसके बाद अंग्रेजों के अधीन होने के कारण सिक्के का चलन बंद कर दिया गया
  • जूनागढ़ में आज भी कई प्राचीन कलात्मकता की झलक बखूबी देखने को मिल जाएगी

बीकानेर के इतिहास से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

  • पुरातात्विक अभिलेखों के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीकानेर की स्थापना 1448 ईस्वी में राव बिकजो के द्वारा की गई है
  • कि उनके दरबार में एक बार उनके पिताजी अपनी रियासतों के महाराजाओ से किसी राज्य पर आक्रमण करने की योजना बना रहे थे
  • राव बीकाजी अपने पिताजी से थोड़ी दूरी पर अपने मित्रों के साथ खेल रहे थे
  • राव बीकाजी ने अपने पिताजी की गुप्त बाते का अंदाज लगा लिया
  • इससे उनके पिताजी उनसे खुश हुवे और उनके एक राजवाड़ा सोप दिया।
  • प्राचीन अभिलेखों के माध्यम से पता चलता है
  • कि राव बीकाजी की शादी पुर्नलगपुर की राजकुमारी के साथ सम्पन हुवा
  • उनका नाम रंग कवर था
  • बीकानेर के सबसे शाक्तिशाली शासक राव बीकाजी की 1504 में मर्तियु हुवी
  • बीकानेर के निर्माण में कुल 24 साल का समय लगा था
  • राव सिंह ने 1448 में बीकानेर की स्थापना की थी
  • लेकिन 1465 में बीकानेर की स्थापना का काम सुरु हुवा था
  • राव बीकाजी ने अपने जीवनकाल में राजस्थान के अनेक शासको से युद्ध किया
  • उन्होंने जैसलमेर के कुछ इलाकों पर भी कब्ज़ा कर लिया था

बीकानेर के इतिहास के कुछ अन्य शासक जिन्होंने बीकानेर के निर्माण में योगदान दिया

  • राव बीकाजी की की मर्तियू 1504 ईस्वी में हुवी
  • राव बीकाजी के बाद बीकानेर रियासत पूरी तरह से बिखर गई
  • कुछ समय तक अन्य रियासतों के राजा आक्रमण करते रहे
  • बीकानेर के लिए लड़ते रहे बीकानेर के सफल सञ्चालन के लिए बीकानेर के शासको ने मुगलो के साथ हाथ मिला लिया
  • इसी क्रम में मात्र 6 साल की उम्र में प्रतापसिंह बीकानेर के महाराजा बन गए
  • हलाजी राव सिंह के बाद 24 अन्य शासको ने बीकानेर पर अपना राज कायम किया।

बीकानेर के प्रमुख शासको के बारे में जानकारी

  • राय सिंह ने 1573 से लेकर 1612 तक बीकानेर के शासक बने रहे।
  • कर्ण सिंह से 1630 से लेकर 1670 तक बीकानेर पर शासन किया।
  • अनूप सिंह ने भी 1669 से लेकर 1698 याक बीकानेर पर अपना शासन स्थापित किया
  • सूजन सिंह ने 1700 से लेकर 1736 तक बीकानेर के शासक रहे।
  • जोरावर सिंह ने 1736 से 1746 तक बीकानेर पर अपना शासन किया।
  • जोरावर सिंह के बाद मन सिंह, गंगा सिंह आदि राजाओ ने बीकानेर पर अपना शासन किया।

बीकानेर का भौगोलिक स्वरुप और बीकानेर की जलवायु के बारे में जानकारी

  • सामरिक दृष्टि से भी बीकानेर काफी महत्वपूर्ण जिला है
  • बीकानेर की सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है
  • 168 किलो मीटर की सीधी रेखा पाकिस्तान के साथ कनेक्ट होती है।
  • भारत सरकार ने बीकानेर की 168 किलोमीटर के रेखा पर अपने सैनिक तैनात कर रखे है।
  • बीकानेर की जलवायु काफी गर्म है
  • यह आपको दूर दूर तक रेत के टीले देखने को मिल जायेंगे
  • यहाँ गर्मियों में जोर जोर से हवाई चलती रहती है
  • किसानों के लिए खेती करना मुश्किल हो जाता है
  • यहाँ के कुछ किसान वर्षा पर निर्भर रहते है
  • मार्च से अगस्त तक बहूत तेज गर्मी पड़ती रहती है
  • रात को 10 बजे के बाद ठंडी ठंडी हवा की लहरें चलना सुरु हो जाती है
  • यहाँ की जलवायु गर्मियों में गर्म और सर्दियों म ठंडी रहती है
  • सर्दियों में आपको दिन में सर्दी नहीं लगती है
  • यहाँ की मिट्टी गर्म हो जाती है।

बीकानेर के पर्यटन स्थल, धार्मिक उत्सव, चित्रकला आदि के बारे में जानकारी

  • बीकानेर राजस्थान में अपनी चित्रकला और धार्मिक उत्सवों के कारण जाना जाता है
  • राजस्थान की जितनी भी चित्रकला है
  • उसका जन्मस्थान बीकानेर को माना जाता है
  • बीकानेर में आहड़ चित्रकला यहाँ की प्रसीद चित्रकला है
  • बीकानेर के लोगो का हिन्दू धर्म मर गहरी आस्था है
  • यहाँ पर आपको हिन्दू धर्म का सबसे अच्छा उदाहरण करनी माता का मंदिर देखा जा सकता है
  • यहाँ के लोगो के अनुसार हिन्दू धर्म को अपनाने से मन ,बुद्धि, वाणी पर इंसान का सयम कायम होता है
  • अगर हम यहाँ के सबसे बड़े पर्यटन स्थल की बात करे
  • तो करनी माता का मंदिर सबसे पहले आता है

धार्मिक उत्सव

  • राजस्थान और बीकानेर दोनों में ही समान धार्मिक उत्सव मनाया जाता है
  • यहाँ पर अक्टूबर और नवम्बर में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है
  • यह हिन्दू धर्म को मानने वालों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार मन जाता है
  • मार्च में होली का त्यौहार मनाया जाता है
  • इसके अलावा घूमर लोक नृत्य, गणगौर, आदि का त्यौहार प्रमुखता से मनाया जाता है

Conclusion:- मित्रों आज के इस आर्टिकल में बीकानेर का इतिहास के बारे में कभी विस्तार से बताया है। तो हमें ऐसा लग रहा है की हमारे द्वारा दी गये जानकारी आप को अच्छी लगी होगी तो इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहे हमारी साइट TripFunda.in के साथ (धन्यवाद)

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