धनतेरस क्यों मनाया जाता है / धनतेरस का शुभ मुहूर्त

धनतेरस क्यों मनाया जाता है – धनतेरस का शुभ मुहूर्त क्या है, धनतेरस और दिवाली कितनी तारीख को है, धनतेरस क्यों मनाया जाता है, 2022 में धनतेरस कब है, 2021 का दीपावली कब है, छठ कब है, भाई दूज कब है, धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए, करवा चौथ कब है, लक्ष्मी पूजन कब है, दशहरा कब है,

धनतेरस क्यों मनाया जाता है

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी यानी धनतेरस के दिन ही धन्वंतरि देव की जयंती है अंग्रेजी माह अनुसार इस वर्ष धनतेरस मंगलवार को दो नवंबर 2021 को पड़ रहा है, जबकि दीपावली चार नवंबर 2021 को मनाई जाएगी धनतेरस के दिन शुभ खरीदारी के साथ धनवंतिर की पूजा के साथ कुबेर, लक्ष्मी, गणेश और यम की पूजा होगी |

क्यों मनाया जाता है धनतेरस –
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब प्रभु धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस तिथि को धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन बर्तन और गहने आदि की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है।

क्यों होती है महालक्ष्मी की पूजा –
कहते हैं कि धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है। इस दिन भगवान कुबेर की पूजा की भी विधान है।

धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त –
धनतेरस तिथि 2021- 2 नवंबर, मंगलवार
धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक।
प्रदोष काल- शाम 05:39 से 20:14 बजे तक।
वृषभ काल- शाम 06:51 से 20:47 तक।

दिन का चौघड़िया –
लाभ- प्रात: 10:43 से 12:04 तक.
अमृत- दोपहर 12:04 से 01:26 तक.
शुभ- दोपहर 02:47 से 04:09 तक

रात का चौघड़िया –
लाभ- 07:09 से 08:48 तक.
शुभ- 10:26 से 12:05 तक.
अमृत- 12:05 से 01:43 तक.

ऐसे करें धनतेरस पूजा –
1. इस दिन सुबह जल्द उठें और नित्यकर्म निपटाकर पूजा की तैयारी करें
2. घर के ईशान कोण में ही पूजा करें. मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर में होना चाहिए
3. पंचदेव यानी सूर्यदेव, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु की स्थापना करें.
4. पूजा के वक्त घर के सभी लोग एकत्रित रहें. इस दौरान कोई शोर न करें
5. धन्वंतरि देव की षोडशोपचार या 16 क्रियाओं से पूजा करें. पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नेवैद्य, आचमन, ताम्बुल, स्तवपाठ, तर्पण और नमस्कार. अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा भी चढ़ाएं
6. धन्वं‍तरि देव के सामने धूप, दीप जलाकर मस्तक पर हल्दी, कुमकुम, चंदन और चावल लगाएं. फिर हार और फूल चढ़ाएं
7. पूजा के दौरान अनामिका अंगुली से गंध यानी चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी आदि लगाना चाहिए। षोडशोपचार की सभी सामग्री से पूजा कर मंत्र जाप करें
8. पूजा के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) अर्पित करें. ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं होगा. हर पकवान पर एक तुलसी पत्ता भी रखें
9. अंत में आरती करते हुए नैवेद्य चढ़ाकर पूजा पूरी करें. मुख्य द्वार या आंगन में प्रदोष काल में दीये जलाएं. एक दीया यम के नाम का जलाएं। घर के कोने में भी
10. घर या मंदिर में जब भी विशेष पूजा करें तो इष्टदेव के साथ स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी किया जाता है

धनतेरस पर क्या खरीदें –

1. लक्ष्मी माता तथा गणेश जी की मूर्ति – धनतेरस के दिन आपको दिवाली के दिन होनी वाली लक्ष्मी पूजा के लिए माता लक्ष्मी तथा गणेश जी की मूर्ति खरीदनी चाहिए। यह आपके लिए सौभाग्य, सुखदायक और शुभता प्रदान करने वाला होगा। माता लक्ष्मी की धन वर्षा करती हुई मूर्ति दिवाली के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

2. चांदी – धनतेरस के दिन चांदी के सिक्के, आभूषण आदि की खरीदारी करना शुभ होता है। लक्ष्मी पूजा के दिन चांदी के इन वस्तुओं की पूजा करें।

3. पीतल – समुद्र मंथन के समय जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथों में पीतल के कलश में अमृत था। ऐसी मान्यता है कि धन्वंतरि को पीतल बहुत ​​प्रिय है, इसलिए धनतेरस के दिन पीतल की वस्तुएं खरीदना शुभ होता है।

4. झाड़ू – धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदें। झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इससे दरिद्रता का नाश होता है। घर में सकारात्मकता का संचार ​होता है।

5. मिट्टी के दीपक – दिवाली प्रकाश का पर्व है। ऐसे में धनतेरस के दिन मिट्टी के दीपक खरीदें। इसके बिना आपकी दिवाली पूरी नहीं होगी। बाजार में मिट्टी के ​दीपक में भी कई गुणवत्ता वाले दीपक हैं, जो आपकी जेब के अनुरुप हो, वे खरीदें।

धनतेरस पर इन चीजों को भूल से भी नही खरीदें –
धनतेरस के दिन आपको इन चीजों को खरीदने से बचना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके घर दरिद्रता का वास हो जाएगा। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी वस्तुएं हैं जिनकी खरीदारी आपको भूलकर भी नहीं करनी है-

1. एल्युमिनियम और स्टील- धनतेरस के दिन वस्तुओं को खरीदते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कहीं वे एल्युमिनियम या स्टील की वस्तुएं तो नहीं हैं। मान्यता है कि स्टील या एल्युमिनियम के बने बर्तन या अन्य कोई सामान खरीदने से घर की लक्ष्मी रूठ जाती हैं, और घर में दरिद्रता का वास होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार एल्युमिनियम पर राहु का प्रभाव होता है, इसलिए इसे दुर्भाग्य का सूचक माना जाता है।

2. लोहा न खरीदें – ज्योतिषशास्त्र के अनुसार लोहा शनि का कारक माना गया है। ऐसे में इस शुभ दिन लोहे की वस्तुएं घर लाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन लोहे से बनी कोई भी वस्तु यदि आप घर लाते हैं तो घर में दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है।

3. प्लास्टिक बनाती है धन को अस्थायी – ज्योतिषविदों के अनुसार प्लास्टिक धन को अस्थायी बनाती है। इसलिए धनतेरस के दिन प्लास्टिक की वस्तुएं खरीदना अशुभ माना जाता है। यदि आप धनतेरस के दिन घर में कोई भी प्लास्टिक की वस्तु लेकर आएंगे तो इससे धन के स्थायित्व और बरकत में कमी आती है।

4. कांच का सीधा राहु से संबंध – धनतेरस के शुभ अवसर पर शीशे या कांच की बनी चीजें बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार शीशे या कांच का सीधा संबंध राहु से होता है। और यदि घर में राहु प्रवेश कर जाए तो इससे घर में गरीबी आती है। इसलिए आपको कांच की चीजें धनतेरस पर घर नहीं लानी चाहिए।

5. चीनीमिट्टी से बनी चीजें – धनतेरस के दिन चीनीमिट्टी या बोनचाइना से बनी कोई भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए। धनतेरस के दिन चीनीमिट्टी से बनी वस्तुएं खरीदना भी अशुभ माना जाता है। बोनचाइना की चीजें लंबे समय तक सुरक्षित एवं स्थायी नहीं होती और यह घर में आने वाली बरकत में बाधा डालती हैं।

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