डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ राधाकृष्णन के शैक्षिक विचार, सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा में योगदान, सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय, राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन माहिती मराठीत, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कब हुआ था, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे,
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म एवं परिचय –
नाम | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन |
जन्म तारीख | 5 सितम्बर 1888 |
जन्म स्थान | तिरुमनी |
जाति | ब्राह्मण |
पद | भारत के पहले उपराष्ट्रपति |
पत्नी का नाम | शिवाकमु |
मृत्यु | 17 अप्रैल 1975 |
मृत्यु स्थान | चेन्नई |
शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है उनका जन्म 5 सितंबर को हुआ था शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर साहब ने उत्कृष्ट कार्य किया था उन्होंने शिक्षा के द्वार सभी वर्गों के लिए खोला था अनेकों दर्शन की किताबें उन्होंने लिखी निस्वार्थ भाव से शिक्षा का कार्य किया।
उनके सफलता को हम उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति के रूप में भी जानते हैं आज इस लेख में हम डॉ राधाकृष्णन जी के संपूर्ण जीवन पर अवलोकन करने वाले हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का वैवाहिक जीवन –
उस दौर में बाल विवाह काफी प्रचलित था और ब्राह्मण परिवारों में तो कम उम्र में ही शादी तय कर दी जाती थी, यही डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ भी हुआ जब वे मात्र 16 वर्ष के थे तब 1903 में उनकी शादी कर दी गई उनकी शादी ‘सिवाकामू’ के साथ हुई उस दौरान उनकी पत्नी की आयु भी काफी कम थी उनकी पत्नी उनसे 6 साल छोटी थी, शादी के समय वह सिर्फ 10 साल की थी।
शिक्षक दिवस –
भारत में हर साल 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है इसकी शुरुआत 1962 में हुई उस दौरान डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने थे और तभी उनके पास कुछ शिक्षक व प्रशंसक आए और उनसे अनुरोध किया कि वे उनके जन्मदिन के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं इसके जवाब में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि, “मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने से मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करूंगा।” तभी से लेकर अब तक उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है।
यह भी पढ़े : ममता बनर्जी कौन है
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का राजनीतिक जीवन –
जब भारत को स्वतंत्रता मिली उस समय जवाहरलाल नेहरू ने राधाकृष्णन से यह आग्रह किया कि वह विशिष्ट राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनयिक कार्यों की पूर्ति करें नेहरू जी की स्वीकारते हुए डॉ राधाकृष्णन ने 1947से 1949 तक संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य के रूप में कार्य क्या संसद के सभी लोग उनके कार्य और व्यवहार की बहुत प्रशंसा करते थे
अपने सफल अकादमिक कैरियर के बाद उन्होंने राजनीतिक में अपना कदम रखा 13 मई 1952 से 13 मई 1962 तक वे देश के उपराष्ट्रपति रहे 13 मई 1962 को ही वे भारत के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए राजेंद्र प्रसाद की तुलना से इनका कार्यकाल काफी चुनौतियों से भरा हुआ था, क्योंकि जहां एक और भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध हुए, जिसमें चीन के सामने भारत को हार का सामना करना पड़ा।।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अनमोल विचार –
1. पुस्तके वे सावधान है जिसके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच उसका निर्माण कर सकते हैं।
2. धर्म के बिना इंसान बिना लगाम के घोड़े की तरह होता है।
3. ज्ञान हमें शक्ति देता है और प्रेम परिपूर्णता देती है।
4. किताबें पढ़ना हमें एकांत में आदत और सच्ची खुशी देता है।
5. राष्ट्र व्यक्तियों की तरह है, उनका निर्माण केवल इससे नहीं होता कि उन्होंने क्या हासिल किया बल्कि इससे होता है कि उसने त्याग क्या किया।
6. आध्यात्मिक जीवन भारत की प्रतिभा है।
7. धर्म डर पर जीत है और निराशा और मौत का विनाश है।
8. मानव की प्रकृति स्वाभाविक रूप से अच्छी है और ज्ञान के फैसले से सभी बुराइयों का अंत हो जाए।
9. हमारे सारे विश्व संगठन गलत साबित हो जाएंगे यदि को इस सत्य से प्रेरित नहीं होंगी की प्यार ईर्ष्या से ज्यादा मजबूत है।
10. जीवन को एक बुराई के रूप में देखना और दुनिया को एक भ्रम मानना तुच्छ सोच है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण जी की मृत्यु –
डॉ राधाकृष्णन एक पट वक्ता थे राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद वे अपने घर वापस लौट आए और सरस जीवन आनंद पूर्वक व्यतीत किया वह भारतीय दर्शन के प्रकांड विद्वान, कुशल राजनीतिक, एवं अद्वितीय शिक्षक के रूप में विख्यात राधा कृष्ण 17 अप्रैल 1975 को इस दुनिया से चल बसे थे
उनकी मृत्यु एक बीमारी के कारण हुई थी राधा कृष्ण को मार्च 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा टेंपलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले यह प्रथम गैर ईसाई संप्रदाय के व्यक्ति थे डॉ एस गोपाल ने 1989 में उनकी जीवनी का प्रकाशन भी किया इनका जन्म दिवस 5 सितंबर को प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है |
डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है, हमें उम्मीद है कि, डॉ सर्वपल्लीराधाकृष्णन की जीवनी से आप राधाकृष्णन जी के बारे में बहुत कुछ जान गये होंगे।
अगर आपको उनके जन्मदिन यानि शिक्षक दिवस पर शायरी या भाषण चाहिए तो निचे वाले आर्टिकल में जाएँ।
कम उम्र से अपनी वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद, राधाकृष्णन अपने दृढ़ संकल्प, एकाग्रता और मन के माध्यम से उत्तरी जीवन में बहुमुखी प्रतिभा हासिल करने में सक्षम थे. भारत की प्रगति और समृद्धि तभी प्राप्त हो सकती है जब उनका ज्ञान और उपहारित व्यक्तित्व आधुनिक युग के समाज को प्रभावित कर सकता है
राजस्थान के सम्राट |
Contact With us | ||||||||
Join Our Telegram Channel | ||||||||
Latest Google Web Stories | ||||||||
Home Page |