दौसा का इतिहास

दौसा का इतिहास:- नमस्कार मित्रों आज हम बात करेंगे दौसा का इतिहास के बारे में बात करेंगे दौसा जिला जयपुर डिवीजन के भीतर भारत में राजस्थान राज्य का एक जिला है । दौसा शहर जिला मुख्यालय है। 2011 की जनगणना में इसका क्षेत्रफल 3432 वर्ग किमी और 1,634,409 की आबादी है। यह उत्तर में अलवर जिले , उत्तर पूर्व में भरतपुर जिले , दक्षिण पूर्व में करौली जिले , दक्षिण में सवाई माधोपुर जिले और पश्चिम में जयपुर जिले से घिरा हुआ है। दौसा जिले को आठ तहसीलों में बांटा गया है – बसवा, दौसा, लालसोट , महवा, सिकराय, लॉन, नंगल राजावतन और रामगढ़ पंचवाड़ा। सावा और बान गंगा नदियाँ जिले से होकर गुजरती हैं। यह जयपुर से आगरा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर स्थित है । यह जयपुर के पूर्व में 55 किमी और सवाई माधोपुर से 103 किमी दूर है तो आइए हम जानते हैं इस आर्टिकल में विस्तार से.

  • जिला – दौसा
  • जिला – मुख्यालय दौसा
  • जनसंख्या – (2011) 1634409
  • विकास – 0.24
  • लिंग अनुपात – 905
  • साक्षरता – 68.16
  • क्षेत्रफल (वर्ग किमी) – 3429
  • घनत्व (/ वर्ग किमी) – 476
  • तहसील – बसवा, दौसा, लालसोत, महवा, सीकरी
  • लोकसभा क्षेत्र – दौसा
  • विधानसभा क्षेत्र – बंदीकुई, दौसा, लालसोत, महवा, सीकरी
  • भाषाएं – हिंदी, धुंधरी सहित राजसथानी
  • नदियां – बाणगंगा
  • अक्षांश-देशांतर 26.804461,76.376152
  • पर्यटन स्थल – भंदरेज, अभनेरी, झाझीरामपुरा, ख्वारोजी, मेंहदीपुर बालाजी मंदिर, नीलकंठ मंदिर, गतोलव, प्रोटेस्टेंट चर्च फार क्रिश्चियन आदि

दौसा का इतिहास

  • दौसा भारत के राजस्थान का एक प्रमुख शहर है
  • यह जयपुर से 54 किमी. की दूरी पर स्थित है
  • दौसा का नाम पास ही की देवगिरी पहाड़ी के नाम पर पड़ा
  • दौसा कच्छवाह राजपूतों की पहली राजधानी थी
  • इसके बाद ही उन्होंने आमेर और बाद में जयपुर को अपना मुख्यालय बनाया
  • 1562 में जब अकबर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जियारत को गए तब वे दौसा में रुके थे
  • दौसा में ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्थान है जो यहाँ के प्राचीन साम्राज्य की याद दिलाते हैं

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दौसा जिला कब बना था

  • दौसा जिले का गठन 10 अप्रैल 1992 में हुआ, इसे 4 तहसीलों को मिलकर बनाया गया
  • जिनके नाम दौसा, बसवा, सीकरी और लालसोट है
  • इसे जयपुर जिले से अलग कर के बनाया गया था

दौसा जिले का क्षेत्रफल

  • दौसा जिले का क्षत्रफल 3432 वर्ग किलोमीटर है, 2011 की जनगणना के अनुसार दौसा की जनसँख्या 1634409 है
  • जनसँख्या घनत्व 476व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है
  • दौसा की साक्षरता 70% है
  • महिला पुरुष अनुपात 904 महिलाये प्रति 1000 पुरुषो पर है
  • 2001 से 2011 के बीच जनसख्या विकास दर 24.31% रही है।

चांद बावड़ी

  • दौसा के ऐतिहासिक स्थलों को देखने की शुरूआत आप यहां की प्राचीन चांद बावड़ी से कर सकते हैं
  • इस बावड़ी का निर्माण 1900 साल पहले चौहन वंश के राजाओं ने करवाया था
  • जो पूरे एशिया महाद्वीप की सबसे पुरानी स्टेप वेल मानी जाती है
  • यह एक विशाल बावड़ी है
  • जिसकी वास्तुकला देखने लायक है
  • इतिहास के प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी खजाने से कम नहीं भारतीय इतिहास के कई अहम पहलुओं को जानने के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं
  • राजस्थान की यात्रा करने वाले पर्यटकों को इन प्राचीन संरचनाओं को जरूर देखना चाहिए

दौसा का मध्यकालीन इतिहास

  • दौसा जिला एक ऐसे क्षेत्र में है जिसे डुण्ढार क्षेत्र कहा जाता है
  • इस क्षेत्र पर पहले चौहानो और फिर बढ़- गुर्जरो ने राज्य किया, इन्होंने 10वी शताब्दी में राज्य किया, दौसा का सम्मान इस बात में भी था
  • ये ढूंढार राज्य की राजधानी बना
  • यहाँ पर चौहान राजन सूद देव ने 996 से 1006 ईश्वी तक राज किया
  • उसकी बाद 1006 से 1036 तक दूल्हे राज ने यहाँ पर शाशन किया

Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने दौसा का इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। {धन्यवाद}

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