हनुमानगढ़ का इतिहास

हनुमानगढ़ का इतिहास:- नमस्कार मित्रों आज हम बात करेंगे हनुमानगढ़ का इतिहास के बारे में जब भारत के इतिहास की बात आती है तो उसमें हनुमानगढ़ जिले का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। हनुमानगढ़ जिला सिंधु घाटी की सभ्यता के बारे में जानकारी देता है। कहा जाता है कि हनुमानगढ़ के किले में प्राचीन समय में नहरे, सड़क, और बड़े बड़े किले हुवा करते थे। इन किलो को राजपूत शासको के द्वारा बनाये गए है। हनुमानगढ़ जिले में प्राचीन समय के हवेलिया, संस्क्रति, इतिहास सौंदर्य की झलक देखने को मिलती है।यह जिला 12000 किलोमीटर की दुरी में फैला हुवा राजस्थान का प्रमुख जिला है। यह देश प्रेम एकता के लिए भी जाना जाता है। तो आए हम जानते हैं इस आर्टिकल में विस्तार से.

हनुमानगढ़ जिला के बारें में

जिला – हनुमानगढ़
जिला मुख्यालय – हनुमानगढ़
जनसंख्या (2011) – 1774692
विकास – 0.17
लिंग अनुपात – 906
साक्षरता – 67.13
क्षेत्रफल (वर्ग किमी) -9670
घनत्व (/ वर्ग किमी) -184
तहसील – हनुमानगढ़, संगारिया, रावतसर, नोहर, टिब्बी, पिलीबंगा
लोकसभा क्षेत्र – गंगानगर, चुरु
विधानसभा क्षेत्र – भद्रा, हनुमानगढ़, नोहर, पिलीबंगा, संगारिया
भाषाएं – हिंदी, धुंधरी सहित राजस्थानी
अक्षांश-देशांतर – 29.142566,74.507675
पर्यटन स्थल – भटनेर किला, कालीबंगा गुरुद्वारा श्री कबूतर साहिब आदि
सरकारी कॉलेज – विश्वविद्यालय एनएम शासकीय कॉलेज, एसएनडीबी शासकीय कॉलेज आदि

हनुमानगढ़ जिले के प्राचीन इतिहास

  • इस शहर का इतिहास के बारे में अलग अलग कहानियां सुनाई जाती है
  • जब हमने यहां के लोगो से बात की तो हमें पता चला की , 1700 साल पहले दिल्ही के सुलतान और यहां के राजा भूपत दोनों के बीच लड़ाई हुवी
  • देल्ही के सुल्तान ने धोके से भूपत से हनुमानगढ़ को छीन लिया।
  • इसके बाद भूपत यहां से निकलकर पहाड़ियों में अपना घर बनाया।
  • कुछ महीनो के बाद भूपत ने घगर नदी के किनारे पर एक महल बनाने की योजना पर काम सुरु किया।
  • भूपत ने अपनी रियासत के लोग से मदद लेकर इस किले का निर्माण करवाया और यह भटनेर के रूप में जाना जाने लगा।
  • 1804 के दिसम्बर महीने में सूरत सिंह ने मुगल शासक को हराकर वापस अपने कब्जे में ले लिया।
  • सूरत सिंह राजपूत हनुमानजी भगवान् का बहूत बड़ा सेवक हुवा करता था
  • इसके बाद इसको देसी रियासतों के रूप में पहचान मिली और धीरे धीरे हनुमानगढ़ जिले के रूप में विकसित जिला बना।

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हनुमान गढ़ शहर की संस्क्रति

  • राजस्थान राज्य में सबसे ज़्यादा संस्क्रति का प्रभाव हनुमानगढ़ जिले का पड़ा है।
  • यह पहला शहर है जिकी संस्क्रति और कला को पूरे राजस्थान में पसंद किया जाता है।
  • अधिकतर राजस्थानी भाषा का प्रयोग किया जाता है।
  • यहां के हर व्यक्ति को राजस्थान की भाषा के बारे में जानकारी मिलेगी
  • बांगड़ी भाषा को राजस्थानी भाषा में ज़्यादा फर्क देखने को नहीं मिलता है।
  • अगर राजस्थान में हिंदी भाषा बोलने वाले जिलों की सूचि देखे
  • तो उसमें हनुमानगढ़ ज़िले का भी प्रमुख स्थान है।

राजस्थान के हनुमान गढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था

  • अगर राजस्थान में सबसे बढ़िया कॉलेजो के बारे में बात करे तो यहां की स्कूल और कॉलेज काफी उच्चै माना जाता है।
  • आपको बहूत ही काम रूपए में अच्छी एजुकेशन दी जाती है।
  • हनुमानगढ़ में iit jee और net एग्जाम की भी तैयारियां करवाई जाती है।
  • आपको बहूत सारे कंप्यूटर इंस्टिट्यूट भी देखने को मिलते है
  • कंप्यूटर कोर्स, कैरियर कोर्स,सिलाई का कोर्स और रोजगार प्रदान करने वाला कोर्स करवाये जाते है।
  • जिला अधिकारी समय समय भी स्कूलों का निरीक्षण करते रहते है
  • स्टूडेंट की समस्या का समाधान करते रहते है।

हनुमानगढ़ जिले में व्यवसाय , कृषि यातायात और उद्योगों

  • यहां के लोगो का मुख्य व्यवसाय खेती ही रहा है।
  • जब भटनेर एक रियासत थी तब यह के लोग कृषि का कार्य करते थे।
  • अब कुछ लोग पारम्परिक कार्य को छोड़ कर आधुनिक उद्योग और बिज़नस की तरफ आकर्षित हो रहे है।
  • बुजर्ग लोग काफी संख्या में कपास का काम करते है
  • यह उनका पुरखों का बिज़नस रहा है।
  • यहाँ उन कातने और कपास की खेती करने वालो की संख्या ज्यादा।
  • यहाँ का सबसे अच्छा रेल यातायात रहा है।
  • सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण यहां पर रेल मार्गो की काफी संख्या देखि जा सकती है।
  • इसका अलावा बस आदि की सुविधा बहूत आसानी से उपलब्ध रहती है।

Conclusion:- मित्रों आज के इस आर्टिकल में हमने हनुमानगढ़ का इतिहास के बारे में कभी विस्तार से बताया है। तो हमें ऐसा लग रहा है की हमारे द्वारा दी गये जानकारी आप को अच्छी लगी होगी तो इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहे हमारी साइट TripFunda.in के साथ (धन्यवाद)

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