जैसलमेर की जनसंख्या वृद्धि

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जैसलमेर की जनसंख्या वृद्धि

जैसलमेर की जनसंख्या :-
जैसलमेर भारत के राजस्थान प्रांत का एक शहर है। भारत के सुदूर पश्चिम में स्थित धार के मरुस्थल में जैसलमेर की स्थापना भारतीय इतिहास के मध्यकाल के प्रारंभ में 1178 ई. के लगभग यदुवंशी भाटी के वंशज रावल-जैसल द्वारा की गई थी। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ भारत के गणतंत्र में परिवर्तन होने तक बिना वंश क्रम को भंग किए हुए 770 वर्ष सतत शासन किया, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण घटना है। जैसलमेर राज्य ने भारत के इतिहास के कई कालों को देखा व सहा है। सल्तनत काल के लगभग 300 वर्ष के इतिहास में गुजरता हुआ यह राज्य मुगल साम्राज्य में भी लगभग 300 वर्षों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा। भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस राज्य ने अपने वंश गौरव व महत्व को यथावत रखा। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात यह भारतीय गणतंत्र में विलीन हो गया। भारतीय गणतंत्र के विलीनकरण के समय इसका भौगोलिक क्षेत्रफल 16062 वर्ग मील के विस्तृत भू-भाग पर फैला हुआ था। रेगिस्तान की विषम परिस्थितियों में स्थित होने के कारण यहाँ की जनसंख्या बींसवीं सदी के प्रारंभ में मात्र 76,255 थी।

जैसलमेर में तीन दशक से जनसंख्या वृद्धि :-
तीन दशक से जनसंख्या वृद्धि में जैसलमेर प्रदेश में पहले और दूसरे पायदान पर
जनसंख्या वृद्धि के मामले में पिछले तीन दशक में जैसलमेर जिला प्रदेश में पहले और दूसरे पायदान पर रहा। पिछले तीस साल के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। वर्ष 1991 में हुई जनगणना में जैसलमेर जनसंख्या वृद्धि के मामले में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि 2001 में पहले स्थान पर पहुंच गया। हालांकि 2011 में हुई जनगणना में प्रदेश में यह फिर दूसरे स्थान पर पहुंचा। पूरा देश जनसंख्या बढ़ोतरी से जूझ रहा है। पिछले सालों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसमें कहीं भी सुधार नजर नहीं आ रहा है। आज भी बेतहाशा जनसंख्या बढ़ रही है। जैसलमेर में भी इसमें पीछे नहीं है। जैसलमेर जिला जनसंख्या बढ़ाने में प्रदेश में ऊंचे पायदान पर है। जनसंख्या बढ़ोतरी का प्रतिशत 2001 तक तो जैसलमेर का बहुत ज्यादा रहा, हालांकि 2011 की जनसंख्या में थोड़ी बहुत कमी आई, लेकिन प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा।
लिंगानुपात में मामूली सुधार, एक हजार बेटों पर 852 बेटियां, परंपराओं के चलते बेटियां पढ़ाई में पीछे रहीं

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जैसलमेर की जनसंख्या :-
669919 जनसंख्या पुरुष, महिला ग्रामीण 312447 268447 शहरी 49261 39764

जैसलमेर का लिंगानुपात :-
वर्ष बढ़ोतरी दर लिंगानुपात
1961-71 18.82 810
1971-81 44.84 811
1981-91 41.73 807
1991-2001 47.52 821
2001-11 32.22 852

जैसलमेर ,में बेटों की अपेक्षा बेटियों की संख्या में अभी भी बड़ा अंतर :-
जैसलमेर में आज भी रूढीवादी परंपरा हावी है। जैसलमेर में बेटियों को मारने के लिए भी बदनाम रहा है, उसी का नतीजा है कि आज भी यहां बेटियों की संख्या कम है। 2011 की जनसंख्या के अनुसार यहां 1 हजार बेटों पर 852 बेटियां है। प्रदेश में लिंगानुपात के हिसाब से धौलपुर सबसे पीछे है। हालांकि जैसलमेर से आगे धौलपुर है जहां 1 हजार के मुकाबले 846 बेटियां है। जैसलमेर इस आंकड़े अंतिम दूसरे नंबर पर है।

जैसलमेर की साक्षरता दर :-
जैसलमेर की साक्षरता दर भी कुछ अच्छी नहीं है। यहां बेटियों को पढ़ाने की परंपरा कम ही रही है। नतीजा यह है कि जैसलमेर में 2011 की जनसंख्या के अनुसार बेटियों की साक्षरता दर 40.23 है। जैसलमेर तीसरे पायदान पर है। जैसलमेर से कम जालोर व सिरोही में बेटियों की साक्षरता दर है। जैसलमेर जिले की कुल साक्षरता दर 58.4 है जिसमें पुरुषों की 73.09 और महिलाओं की 40.23 प्रतिशत है।
जिले में महिलाओं की साक्षरता दर अब 40.23 फीसदी पहुंची |

जैसलमेर में जनसंख्या की तेजी बढ़ोतरी :-
जैसलमेर की जनसंख्या बढ़ोतरी तेजी से हा़े रही है। प्रदेश में जैसलमेर जिले की जनसंख्या बढ़ोतरी हमेशा अधिक रही है। 1981 में जैसलमेर तीसरे, 1991 में दूसरे, 2001 में पहले तथा 2011 में दूसरे स्थान पर जैसलमेर रहा।

सीमावर्ती जिले बाड़मेर और जैसलमेर जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे आगे हैं :-
रा’य के दो सीमावर्ती जिले बाड़मेर और जैसलमेर जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे आगे हैं। जबकि एक अन्य सीमावर्ती जिला गंगानगर इसमें सबसे पीछे है। रा’य सरकार की ओर से जारी किए गए जनगणना के फाइनल आंकड़ों में ये तथ्य सामने आए हैं। बाड़मेर की तो स्थिति यह है कि यहां केवल 59.7 प्रतिशत महिलाएं और पुरुष केवल 78.5 प्रतिशत ही साक्षर हैं। करीब 40 प्रतिशत से ‘यादा महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं हैं।
वर्ष 2001 से 2011 के दशक में रा’य में जनसंख्या वृद्धि दर 28.4 प्रतिशत से घटकर 21.3 प्रतिशत पर आ गई। यह देश की जनसंख्या वृद्धि दर से 17.7 से भी 3.6 प्रतिशत अधिक है। जबकि बाड़मेर की जनसंख्या वृद्धि दर 32.5 प्रतिशत और जैसलमेर की 31.8 प्रतिशत है। इनके बाद जोधपुर, बांसवाड़ा और जालौर का नंबर आता है। इसके विपरीत गंगानगर की जनसंख्या वृद्धि दर केवल 10 प्रतिशत है। जबकि झुंझुनूं, पाली, बूंदी और चित्तौडगढ़ में रा’य के मुकाबले केवल 11 से 16 प्रतिशत ही वृद्धि दर रही।

जैसलमेर आबादी बड़ा रही है जमीन कम पड़ रही है :-
आबादी बढ़ रही है जमीन कम पड़ रही है लगातार बढ़ रही रा’य की जनसंख्या के कारण जमीन कम पड़ती जा रही है। 1901 में रा’य में जहां एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में केवल 30 लोग ही रहते थे, वहीं अब 2011 में यह जनसंख्या घनत्व बढ़कर 200 हो गया है। इस तरह 110 साल में 170 लोग एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बढ़ गए और केवल 10 साल में 35 लोग। लगातार बढ़ रहे जनसंख्या घनत्व के कारण रा’य के जयपुर में एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 595 लोग, भरतपुर 503, दौसा 476, अलवर 438, धौलपुर 398, बांसवाड़ा 397, कोटा 374, डूंगरपुर 368, झुंझुनूं 361, सीकर 346, अजमेर 305, सवाई माधोपुर 297, करौली 264, उदयपुर 262, राजसमंद 248, भीलवाड़ा 230 और सिरोही 202 रा’य के औसत से ऊपर हैं। सबसे कम जनसंख्या घनत्व साला जिला जैसलमेर है जहां प्रत्येक एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में केवल 17 व्यक्ति रहते हैं।

जैसलमेर पोकरण तहसील जनसंख्या आंकड़े :-
जैसलमेर जिले की जनसंख्या जनगणना 2011 में कुल जनसंख्या 669919 दर्ज की गई है। जिसमें पोकरण तहसील में 303662, जैसलमेर तहसील में 265237 और फतेहगढ़ में 101020 दर्ज की गई। जैसलमेर जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 74.19% व मुस्लिम 25.10% है। जिले में अनुसूचित जातियों का अनुपात 14.8% व अनुसूचित जनजातियों का अनुपात 6.33% है।
पोकरण तहसील की कुल जनसंख्या 303662 में से 218611 (71.99%) हिन्दू है और 84002 (27.66%) मुसलमान है। जिन में पोकरण तहसील में 42917 (14.13%) अनुसूचित जातियां है और 27503 (5.76%) जनजातियां है। इसके अलावा पोकरण तहसील में 470 सिख, 204 ईसाई, 219 जैन, 07 बौद्ध और 13 अन्य धर्मावलंबी है।

जैसलमेर की पूरी जानकारी 

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