राव चूड़ा कौन थे

राव चूड़ा कौन थे: राव सीहा का इतिहास , राव जोधा का इतिहास , राव रणमल के पुत्र , राव जोधा के वंशज , राव जोधा के कितने पुत्र थे , राव सूजा , जोधपुर का राठौड़ वंश, राव जोधा के पिता का नाम , राव चूड़ा कौन थे , रणमल का अधिकांश समय मेवाड़ में बीता था , राव चूड़ा किसका पुत्र था , राणा लाखा , महाराणा प्रताप , राणा सांगा , राणा जार सिंह, सामन्ती प्रथा का वास्तविक संंस्थापक राव जोधा को माना जाता था , राव चूड़ा ने इंदा प्रतिहार की पुत्री किशोर कवरी से विवाह किया इंदा प्रतिहार ने चुंडा राठौड़ को मंडोर का दुर्ग दहेज में दिया चुंडा राठौड़ ने अपनी पुत्री हसा बाई का विवाह मेवाड़ के महाराणा लाखा से किया राव चुंडा ने रानी किशोर गवरी के कहने पर बड़े पुत्र रणमल के स्थान पर छोटे पुत्र कान्हा को उत्तराधिकारी घोषित किया अतः रणमल महाराणा लाखा की सेवा में चला गया चुंडा ने चूड़ा सर तालाब बनवाया और इसकी रानी चांद कंवर ने चांद बावड़ी का निर्माण करवाया चुंडा राठौड़ के समय ही मारवाड़ में सामंती प्रथा का कारण माना जाता है

  • राव चूड़ा की मृत्यु के बाद शासक 
  • राव चूड़ा आस्थान की मृत्यु के बाद इसके भाई वीरमदेव के पुत्र राव चूड़ा राठौड़ वंश मेंं एक योग्य व सफल प्रतापी शासक बने |

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राव चूड़ा की विशेषता 

  •  राव चूड़ा को राजस्थान का भीष्म कहा जाता है  ( ग्रैड तृतीय-2०13 )
  • राठौड़वंश का प्रथम बड़ा शासक राव चूड़ा था ( पुलिस-1997 )
  • रावचूड़ा ने मारवाड़ में सामन्त प्रथा की शुरूआत की
  • उत्तर भारत में एकमात्र रावण मन्दिर मंडोर ( जोधपुर ) में है
  • रावण की पत्नी मंदोदरी मण्डोर की ही रहने वाली थी
  • राव चूड़ा ने अपने छोटे पुत्र कान्हा को राज़ दिया तो बड़ा पुत्र रणमल नाराज होकर मेवाड में चला गया

राव चूड़ा द्वारा सामन्ती प्रथा को प्रारम्भ करना 

  • राव चूड़ा ने मारवाड़ में सामन्ती प्रथा को प्रारम्भ किया जबकि मारवाड़ में सामन्ती प्रथा का वास्तविक संंस्थापक राव जोधा को माना जाता था राव चुंडा को मंडोर कि सत्ता राव हेम सिंह गहलोत मंडोर प्रतिहारो के प्रधानमंत्री मंडोरवा राजपूत ने दिलाई थी
  • राव चूंडा ने हेम सिंह को राव की उपाधि दी थी राव हेमा गहलोत राव चुंडा के समीप चूड़ासर नामक गाँव भी बसाया|

राव चूड़ा द्वारा बावड़ी का निर्माण 

  • राव चूड़ा की रानी चाँद बाई ने जोधपुर में एक प्रसिद्ध बावड़ी का निर्माण कराया जिसे चाँद बावड़ी कहा जाता है
  • जबकि प्रसिद्ध चाँद बावड़ी आभानेरी दौसा में स्थित है
  • राव चूड़ा ने अपनी पुत्री रानी हंसाबाई का विवाह अपने पुत्र राव रणमल के कहने पर मेवाड़ के राणा लाखा के साथ कर अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया ।

राव चूड़ा की प्रारंभिक राजधानी 

  • मारवाड़ के राठौड़वंश (Marwar ka Rathore Vansh) का वास्तविक संस्थापक राव चूड़ा था
  • राव चूड़ा वीरमदेव का पुत्र था
  • राव चूडा ने मण्डोर को राजधानी बनाया मारवाड़ के राठौड़ो की प्रारंभिक राजधानी मण्डोर थी
राजस्थान के सम्राट

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