राव जैसल कौन थे

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राव जैसल कौन थे

रावल जैसल दुसाज का पुत्र एवं भाटी राजपूत का शासक थे जिसने 12 वीं शताब्दी में जैसलमेर शहर की स्थापना की थी और रावल जैसल यदुवंशी के एक शक्तिशाली शासक सम्राट थे

राव जैसल

भाटी वंश की उत्पत्ति मथुरा वह द्वारिका के यदुवंशी पुरुष कृष्ण से मानी जाती है कृष्ण के बाद द्वारिका में जलमग्र होने से कुछ यदु लोग बच के गजनी व लाहौर के आसपास के क्षेत्र में आके बसने लगे थे कहा जाता है कि यदु लोग बाहुबल वाले थे जो युद्ध करके किसी भी जगह को घेर लेते थे और अपना अधिपति कर लेते थे लेकिन मध्य एशिया से आने वाले तुर्क आक्रमणकारियों ने यदु लोगों को पंजाब व लाहौर से खदेड़ कर भटनेर नामक स्थान पर भेज दिया गया यदु लोग लाहौर व पंजाब को छोड़कर नहीं जाना चाहते थे लेकिन उसे जबरन तुर्की के आक्रमणकारियों द्वारा इनको यहां से खदेड़ कर वाह भेज दिया गया यदु लोग तुर्क आक्रमणकारियों के सामने नहीं टिक पाए और भटनेर राज्य में अपना आधिपत्य स्थापित किया था

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भटनेर राज्य में स्थानीय जातियों का प्रभाव था इस लिए यदु लोगों ने भटनेर से पुन अग्रसर होकर सिंधु मुल्तान की ओर बढ़ने लगे और छोटे-छोटे शहरों पर अपना आधिपत्य करने लगे थे मारोठ, तापोट, देरावर, आदि स्थानों से होकर थार के रेगिस्तान के लोद्रवा नामक शहर को पराजित कर अपनी राजधानी स्थापित की लेकिन थार रेगिस्तान के इस भूभाग में स्थित स्थानीय जाति जातियों जिसमें परमार बराह लंगा भूटा तथा सोलंकी आदि प्रमुख जातियां निवास करती थी इससे सत्ता संघर्ष के उपरांत भाटी लोगों ने इस भूभाग को अपना अधिन कर लिया था यदु लोगों ने वहां के स्थानीय लोगों से युद्ध करके वहां पर अपना अधिकार करने में सफल हो गये

सन 1175 ई लगभग मोहम्मद गोरी ने लोद्र्वा के युद्ध को हरने के बाद पतन हो गया वह राज सत्ता रावल जैसल के हाथ में आ गई थी रावल जैसल ने उसी समय जल्दी स्थान देकर 1178 ई को त्रिकुट नाम की पहाड़ी पर अपनी नई राजधानी स्थापित कर ली थी उसके बाद में अपने नाम पर जैसल मेरु (जैसलमेर) शहर का नाम रखा रावल जैसल ने अपने नाम पर एक नये शहर का निर्माण कर जैसल मेरु शहर को बसाया था जो आज जैसलमेर के नाम से पुकारते हैं

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