उदयपुर का प्रसिद्ध किला

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उदयपुर का प्रसिद्ध किला

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उदयपुर मे कुंभलगढ़ का किला :-
कुम्भलगढ़ का दुर्ग राजस्थान ही नहीं भारत के सभी दुर्गों में विशिष्ठ स्थान रखता है। उदयपुर से 78 दूर समुद्र तल से 1,087 मीटर ऊँचा और 30 किमी व्यास में फैला यह दुर्ग मेवाड़ के यशश्वी महाराणा कुम्भा की सूझबूझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है। इस दुर्ग का निर्माण सम्राट अशोक के द्वितीय पुत्र संप्रति के बनाये दुर्ग के अवशेषों पर 1443 से शुरू होकर 15 वर्षों बाद 1458 में पूरा हुआ था। दुर्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर महाराणा कुम्भा ने सिक्के डलवाये जिन पर दुर्ग और उसका नाम अंकित था। वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बने इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर, जलाशय, बाहर जाने के लिए संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें, यज्ञ वेदी, स्तम्भ, छत्रियां आदि बने है।

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कुंभलगढ़ का किला का परिचय :-
यह किला राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित है। इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने सन 13 मई 1459 वार शनिवार को कराया था। इस किले को ‘अजेयगढ’ कहा जाता था क्योंकि इस किले पर विजय प्राप्त करना दुष्कर कार्य था। इसके चारों ओर एक बडी दीवार बनी हुई है जो चीन की दीवार के बाद विश्व कि दूसरी सबसे बडी दीवार है।
यह दुर्ग कई घाटियों व पहाड़ियों को मिला कर बनाया गया है जिससे यह प्राकृतिक सुरक्षात्मक आधार पाकर अजेय रहा। इस दुर्ग में ऊँचे स्थानों पर महल मंदिर व आवासीय इमारते बनायीं गई और समतल भूमि का उपयोग कृषि कार्य के लिए किया गया। वहीं ढलान वाले भागो का उपयोग जलाशयों के लिए कर इस दुर्ग को यथासंभव स्वाबलंबी बनाया गया। इस दुर्ग के भीतर एक और गढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है। यह गढ़ सात विशाल द्वारों व सुद्रढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है। इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर है।
महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुम्भलगढ़ एक तरह से मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी रहा है। महाराणा कुम्भा से लेकर महाराणा राज सिंह के समय तक मेवाड़ पर हुए आक्रमणों के समय राजपरिवार इसी दुर्ग में रहा। यहीं पर कुंवर पृथ्वीराज और राणा सांगा का बचपन बीता था। उड़वा राजकुमार कुंवर पृथ्वीराज की छतरी भी इस दुर्ग में देखी जाती है | महाराणा उदय सिंह को भी पन्ना धाय ने इसी दुर्ग में छिपा कर पालन पोषण किया था। हल्दी घाटी के युद्ध के बाद महाराणा प्रताप भी काफी समय तक इसी दुर्ग में रहे। इस दुर्ग के बनने के बाद ही इस पर आक्रमण शुरू हो गए लेकिन एक बार को छोड़ कर ये दुर्ग प्राय: अजेय ही रहा है लेकिन इस दुर्ग की कई दुखांत घटनाये भी है जिस महाराणा कुम्भा को कोई नहीं हरा सका वही परमवीर महाराणा कुम्भा इसी दुर्ग में अपने पुत्र ऊदा सिंह द्वारा राज्य पिपासा में मारे गए। कुल मिलाकर दुर्ग ऐतिहासिक विरासत की शान और शूरवीरों की तीर्थ स्थली रहा है। माड गायक इस दुर्ग की प्रशंसा में अक्सर गीत गाते हैं

कुंभलगढ़ का किला मेवाड़ के शासकों की ऐतिहासिक रचना :-
राजस्थान का प्रसिद्ध कुंभलगढ़ का किला –
राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है कुंभलगढ़ किला जिसका निर्माण 15वीं शताब्दी में किया गया था और यही वह किला है जो मेवाड़ को मारवाड़ से अलग करता है। इस किले की दीवार 36 किलोमीटर लंबी और 15 फीट चौड़ी है जो चीन की दीवार की याद दिलाती है और इस दीवार की खासियत भी यही है कि यह दुनियाभर में चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार है।
हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान का हिस्सा है कुंभलगढ़राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक कुंभलगढ़ किला भी है जो उदयपुर से करीब 82 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के चोटी पर बना हुआ है। इस किले को हाल ही में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का स्टेटस भी मिल चुका है। हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान यानी राजस्थान के पहाड़ी वाले 6 किलों में से एक किला कुंभलगढ़ भी है। इस किले की एक खासियत यह भी है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक के दूसरे बेटे संप्राति द्वारा दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाए गए किले के अवशेषों पर किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस किले को पूरी तरह से बनने में 15 साल का वक्त लगा। मौजूदा किले का निर्माण मेवाड़ के प्रसिद्ध शासक महाराणा कुंभा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था।

बेहद प्रसिद्ध है इस किले की दीवार :-
वैसे तो ज्यादातर भारतीय किले के चारों तरफ सुरक्षा के लिहाज से या तो पहाड़ी पर बना ऊंचा सा प्रेक्षण स्थल होता था या फिर जंगल लेकिन कुंभलगढ़ के किले में यह दोनों ही सुविधाएं मौजूद हैं। किले की दीवार पहाड़ी में काफी दूर तक फैली है जिससे प्रहरी को मीलों दूर तक साफ-साफ दिखाई देता था, साथ ही वहां पास में ही एक जंगल भी था जिसे अब वाइल्ड लाइफ सैंक्च्युरी में बदल दिया गया है। भले ही यह किला जयपुर के आमेर फोर्ट और जैसलमेर के किलों जितना फेमस न हो लेकिन इसकी भी अपनी खासियत है।

महाराणा प्रताप की जन्मस्थली है कुंभलगढ़ :-
कुंभलगढ़ किले की प्रसिद्ध 36 किलोमीटर लंबी दीवार की परिधि के अंदर 360 मंदिर है जिसमें से 300 मंदिर जैन धर्म के हैं और बाकी हिंदू धर्म के। यह किला धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से काफी महत्वपूर्ण है। कुंभलगढ़ मेवाड़ के महान योद्धा महाराणा प्रताप की जन्म स्थली भी है।

उदयपुर की पूरी जानकारी 

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