चालुक्य वंश की वंशावली 

चालुक्य वंश की वंशावली – वातापी के चालुक्य वंश ,चालुक्य वंश की स्थापना कब हुई, चालुक्य वंश PDF, कल्याणी के चालुक्य वंश, वेंगी के चालुक्य वंश, गुजरात चालुक्य वंश, चालुक्य वंश का सबसे महान शासक कौन था, चालुक्य वंश प्रश्नोत्तरी,

चालुक्यों की उत्पत्ति का विषय अत्यंत ही विवादास्पद है वराहमिहिर की ‘बृहत्संहिता’ में इन्हें ‘शूलिक’ जाति का माना गया है जबकि पृथ्वीराजरासो में इनकी उत्पति आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ के अग्निकुण्ड से बतायी गयी है विक्रमांकदेवचरित में इस वंश की उत्पत्ति भगवान ब्रह्म के चुलुक से बताई गई है इतिहासविद् ‘विन्सेण्ट ए. स्मिथ’ इन्हें विदेशी मानते हैं ‘एफ. फ्लीट’ तथा ‘के.ए. नीलकण्ठ शास्त्री’ ने इस वंश का नाम ‘चलक्य’ बताया है ‘आर.जी. भण्डारकरे’ ने इस वंश का प्रारम्भिक नाम ‘चालुक्य’ का उल्लेख किया है ह्वेनसांग ने चालुक्य नरेश पुलकेशी द्वितीय को क्षत्रिय कहा है इस प्रकार चालुक्य नरेशों की वंश एवं उत्पत्ति का कोई अभिलेखीय साक्ष्य नहीं मिलता है।

वातापी का चालुक्य वंश 

वाकाटक वंश के राजा बड़े प्रतापी थे और उन्होंने विदेशी कुषाणों की शक्ति का क्षय करने में बहुत अधिक कर्तृत्व प्रदर्शित किया था इन राजाओं ने अपनी विजयों के उपलक्ष्य में अनेक अश्वमेध यज्ञों का भी अनुष्ठान किया पाँचवीं सदी के प्रारम्भ में गुप्तों के उत्कर्ष के कारण इस वंश के राज्य की स्वतंत्र सत्ता का अन्त हुआ कदम्ब वंश का राज्य उत्तरी कनारा बेलगाँव और धारवाड़ के प्रदेशों में था प्रतापी गुप्त सम्राटों ने इसे भी गुप्त साम्राज्य की अधीनता में लाने में सफलता प्राप्त की थी पल्लव वंश की राजधानी कांची थी और सम्राट समुद्रगुप्त ने उसकी भी विजय की थी गुप्त साम्राज्य के क्षीण होने पर उत्तरी भारत के समान दक्षिणापथ में भी अनेक राजवंशों ने स्वतंत्रतापूर्वक शासन करना प्रारम्भ किया दक्षिणापथ के इन राज्यों में चालुक्य और राष्ट्रकूट वंशों के द्वारा स्थापित राज्य प्रधान थे उनके अतिरिक्त देवगिरि के यादव, वारंगल के काकतीय, कोंकण के शिलाहार, बनवासी के कदम्ब, तलकाड़ के गंग और द्वारसमुद्र के होयसल वंशों ने भी इस युग में दक्षिणापथ के विविध प्रदेशों पर शासन किया जिस प्रकार उत्तरी भारत में विविध राजवंशों के प्रतापी व महत्त्वाकांक्षी राजा विजय यात्राएँ करने और अन्य राजाओं को जीतकर अपना उत्कर्ष करने के लिए तत्पर रहते थे वही दशा दक्षिणापथ में भी थी।
जिन चालुक्यवंशी राजाओं ने हैदराबाद राज्य क्षेत्र अथवा कल्याणपुर को अपनी राजधानी बनाया उन्हें कल्याणी का चालुक्य कहा गया पश्चिमी चालुक्य या कल्याणी के चालुक्य वंश की स्थापना तैलब प्रथम ने किया परन्तु स्वतंत्र शासक तैलब द्वितीय के होने के कारण कल्याणी के चालुक्य वंश का संस्थापक तैलप द्वितीय को माना जाता है तैलप द्वितीय मान्यखेट को अपनी राजधानी बनाया।
सबसे शक्तिशाली विक्रमादित्य षष्ठ थे उन्होंने 1076 ई० में राज्यभिषेक के उपलक्ष्य में एक संवत जारी किया जो चालुक्य विक्रम संवत के नाम से विख्यात है।

चालुक्य शक्ति में निर्बलता 

सोमेश्वर तृतीय के बाद कल्याणी के चालुक्य वंश का क्षय शुरू हो गया 1138 ई. में सोमेश्वर तृतीय की मृत्यु हो जाने पर उसका पुत्र जगदेकमल्ल द्वितीय राजा बना इस राजा के शासन काल में चालुक्यों में निर्बलता आ गई अन्हिलवाड़ा कुमारपाल (1143-1172 ई.) के जगदेकमल्ल के साथ अनेक युद्ध हुए जिनमें कुमारपाल विजयी हुआ 1151 ई. में जगदेकमल्ल की मृत्यु के बाद तैल ने कल्याणी का राजसिंहासन प्राप्त किया उसका मंत्री व सेनापति विज्जल था, जो कलचुरी वंश का था विज्जल इतना शक्तिशाली व्यक्ति था कि उसने राजा तैल को अपने हाथों में कठपुतली के समान बना रखा था बहुत से सामन्त उसके हाथों में थे उनकी सहायता से 1156 ई. के लगभग विज्जल ने तैल को राज्यच्युत कर स्वयं कल्याणी की राजगद्दी पर अपना अधिकार कर लिया, और वासव को अपना मंत्री नियुक्त किया।

कला और वास्तुकला 

उन्होंने धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दोनों विषयों को दर्शाते हुए गुफा मंदिरों का निर्माण किया मंदिरों में सुंदर भित्ति चित्र भी थे
चालुक्यों के अधीन मंदिर स्थापत्य कला बेसर शैली का एक अच्छा उदाहरण है इसे डेक्कन शैली या कर्नाटक द्रविड़ या चालुक्य शैली भी कहा जाता है यह द्रविड़ और नगर शैलियों का संयोजन है।

Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने चालुक्य वंश की वंशावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

यह भी पढ़ें:- झाला वंश की वंशावली

अगर हमारे द्वारा बताई गई जानकारी अच्छी लगी हो तो आपने दोस्तों को जरुर शेयर करे tripfunda.in आप सभी का आभार परघट करता है {धन्यवाद}

Leave a Comment